चीन ने भारत को दी चेतावनी, 'जबरन प्रयासों से दोनों देशों को नुकसान होगा'
नई दिल्ली। भारत द्वारा लगातार चीनी सामनों के आयातों पर प्रतिबंध लगाने से तिलमिलाए चीन ने गुरुवार को भारत को चेतावनी दी है। एक बयान जारी चीनी राजदूत सुन वेडोंग ने कहा कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग करने की कोशिश ना करे और अगर भारत ऐसा करता है तो दोनों देशों को ही नुकसान होगा। उन्होंने आगे कहा कि चीन भारत के लिए रणनीतिक रूप से कोई खतरा नहीं है और दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है।
जानिए,
कोरोना
इलाज
के
ऐसे
10
दावों
की
हकीकत,
जो
अब
तक
खोखेले
साबित
हुए
हैं?
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भारत-चीन की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे में गुथी हुई, एक दूसरे पर आश्रित हैं
भारत में चीनी राजदूत सुन वेडोंग ने नई दिल्ली में एक निजी संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण में कहा कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे में गुथी हुई और एक दूसरे पर आश्रित हैं और इन दोनों को जबरन अलग करने से सबका नुकसान ही होगा।
भारत ने चीन से आने वाले गाड़ियों के पुर्जों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं
चीनी राजदूत ने कहा कि भारत ने हाल ही में चीन से आने वाले गाड़ियों के पुर्जों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे भारत में जर्मन ऑटो कंपनियों के उत्पादन पर असर पड़ा है। ऐसे कदम ना सिर्फ बाजार संबंधी कानून और डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करते हैं बल्कि इस तरह के कदम दूसरों के लिए और सारी दुनिया के लिए हानिकारक होते हैं।
चीन भारत के लिए "सामरिक खतरा" नहीं हैः सुन वेडोंग, चीनी राजदूत
वेडोंग ने आगे कहा कि दोनों देशों के रिश्ते एक तराशे हुए शीशे के टुकड़े की तरह हैं और मौजूदा हालात में थोड़ी सी भी लापरवाही की वजह से यह शीशा टूट सकता है। दोनों देशों के ऐतिहासिक रिश्तों पर जोर देते हुए चीनी राजदूत ने यह कहा कि चीन भारत के लिए "सामरिक खतरा" नहीं है और दोनों देश एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते, इस ढांचे में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
विदेशी कंपनियों के भारत में कारोबार से संबंधित ऐसे कई कदम उठाए हैं
पिछले कुछ दिनों में भारत ने विदेशी कंपनियों के भारत में कारोबार से संबंधित ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनका असर भारत और चीन के आर्थिक रिश्तों पर पड़ा है। चीनी कंपनियों के साथ करार और 100 से अधिक चीनी एप्स पर प्रतिबंध शामिल है। माना जा रहा है कि भारत के लगातार प्रतिबंध से पहले परेशान चीन बेहद घबड़ाया हुआ है।
लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई थी मुठभेड़
गत 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई मुठभेड़ के बाद भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सिपाही मारे गए थे। एक महीने पहले से चीनी सेना के वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर कई जगहों पर भारत के इलाके में घुस आई थी। गलवान प्रकरण के बाद भारत ने भी इलाके में भारी संख्या में सैनिक और सैन्य उपकरण तैनात कर दिए थे और आज भी दोनों सेनाएं एक दूसरे के सामने तनी हुई हैं।
दोनों सेनाओं के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला
दोनों सेनाओं के बीच वार्ता के कई दौर भी हो चुके हैं लेकिन अभी तक स्थिति का निराकरण नहीं हुआ है। चीन ने हाल ही में कहा था कि दोनों सेनाएं एक दूसरे से अलग हो गई हैं, लेकिन भारत का कहना है कि ऐसा अभी नहीं हुआ है और इस मामले में अभी सिर्फ थोड़ी सी तरक्की हासिल हुई है।