चीन कोरोना की वैक्सीन बनाने में हुआ सफल, मनुष्यों पर ट्रायल के आए बड़े पॉजिटिव रिजल्ट
चीन कोरोना की वैक्सीन बनाने में हुआ सफल, मनुष्यों पर ट्रायल के आए बड़े पॉजिटिव रिजल्ट
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण दुनिया के तमाम देश संघर्ष कर रहे हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक लगभग 52 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं अब तक दुनिया भर के देशों में कुल 8 वैक्सीन की क्लिनिकल ट्रायल की जा रही है वहीं अन्य 110 वैक्सीन पूरी दुनिया में विकास के विभिन्न चरणों से गुजरने की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी थी। अब इसी बीच चीन ने दावा किया हैं कि उसने एक वैक्सीन तैयार कर ली है जो अधिक सुरक्षित हैं और कोरोना से मनुष्य को बचा सकती हैं।
108 लोगों पर इस वैक्सीन का किया ट्रायल, आए ये परिणाम
बता दें अमेरिकी दवा कंपनी मोडेर्ना ने भी कोविड-19 वैक्सीन के पहले फेज के सफल ट्रायल की घोषणा की हैं इसके बाद बीते शुक्रवार को शोधकर्ताओं ने कहा कि चीन में विकसित एक वैक्सीन अधिक सुरक्षित लगती और लोगों को कोरोना जैसा जानलेवा वायारस से लोगों को बचा सकती है। क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण तक पहुंचने वाला कोविड-19 का पहला टीका मनुष्यों के लिए सुरक्षित, सहनीय और कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सक्षम है। न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित खबर में 'द लांसेट पत्रिका' में प्रकाशित एक नये रिसर्ज में ये खुलासा किया गया है। इस वैक्सीन का 108 वयस्कों पर अध्ययन किया गया जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच थी। इस टीके की एक डोज दी गई जिसने सार्स-सीओवी-2 को खत्म करने वाले एंटीबॉडी पैदा किए और रोग प्रतिरोधक तंत्र की टी-कोशिकाओं की मदद से प्रतिक्रिया उत्पन्न की। दो सप्ताह में ये टी सेल्स बनाए।
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वैज्ञानिक ने कहा कि ये परिणाम हमें बड़ी सफलता को दिखा रहे हैं
गौरतलब हैं कि चीन के बीजिंग इस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों समेत अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि अभी और रिसर्च करने की जरूरत है कि सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के खिलाफ यह टीका संरक्षण देता है या नहीं। अध्ययन में कहा गया कि 108 स्वस्थ वयस्कों पर किए गए परीक्षण में, टीके ने 28 दिन बाद अच्छे परिणाम दिखाए जहां अंतिम परिणामों का अगले छह महीने में आकलन किया जाएगा। अध्ययन के सह-लेखक बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के वेई चेन ने कहा, "ये परिणाम हमें बड़ी सफलता को दिखा रहे हैं ये इंसानों पर किए गए ट्रायल बता रहे हैं कि 'एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर्ड कोविड-19 (एडी5-एनसीओवी) की एक खुराक से 14 दिन में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी और टी कोशिकाएं पैदा होती हैं।'
कैसे ये वैक्सीन हैं अधिक कारगर
शोधकर्ताओं ने बताया कि परीक्षण में प्रयोग किए गए एडी5 वेक्टर्ड कोविड-19 टीका मनुष्यों में टेस्ट किया गया पहला टीका है। अध्ययन में बताया गया कि इस टीके में जुकाम पैदा करने वाले कमजोर पड़े एडेनोवायरस का इस्तेमाल किया गया जो कोशिकाओं में सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन के लिए कोडिंग का काम करने वाली आनुवंशिक सामग्री तैयार करता है और ये कोशिकाएं फिर स्पाइक प्रोटीन पैदा करते हैं और ये फिर स्पाइक प्रोटीन की पहचान करते हैं और कोरोना वायरस से लड़ते हैं।
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