भूटान के बहाने भारत के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में एक नया मोर्चा खोलने की तैयारी में है चीन!
बीजिंग। चीन ने अब भारत के पड़ोसी भूटान की जमीन पर नया दावा कर डाला है। पहली बार चीन ने इस बात को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि उसका भूटान के साथ उसके ईस्टर्न सेक्टर में सीमा विवाद है। माना जा रहा है कि चीन जानबूझकर ऐसा कर रहा है। उसकी मंशा भूटान के मित्र देश भारत के खिलाफ नए मोर्चे को खोलना है। भूटान के पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश है और चीन इसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा करार देता है। माना जा रहा है कि इसी वजह से चीन ने यह कहा है कि उसका भूटान के साथ सीमा विवाद है क्योंकि यहां पर बॉर्डर को लेकर अलग-अलग नजरिया है।
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चीन ने कहा भारत को बीच में नहीं पड़ना चाहिए
चीन का कहना है कि उसका भूटान के साथ कभी सीमा विवाद सुलझा ही नहीं है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से चीनी भाषा में बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि भूटान के साथ उसका काफी समय से पूर्वी, मध्य और पश्चिमी इलाके में सीमा विवाद है। भारत का नाम लिए बिना चीन ने कहा है कि किसी तीसरे पक्ष को चीन-भूटान सीमा विवाद में उंगली नहीं उठानी चाहिए। वहीं, भूटान के सूत्रों के मुताबिक चीन और भूटान के बीच पूर्वी इलाके में कभी भी सीमा विवाद को लेकर बातचीत नहीं हुई थी।दोनों पक्षों ने मध्य और पश्चिमी इलाके में सीमा विवाद को माना था। यहां तक कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर सहमति बनी थी। अगर चीन को पूर्वी इलाके में अपनी स्थिति कानूनी रूप से सही लग रही थी कि तो उसे यह मसला बहुत पहले उठाना चाहिए था।
अब तक हो चुकी है 24 दौर की बातचीत
चीन और भूटान ने वर्ष 1984 से लेकर 2016 के बीच में अब तक 24 दौर की बातचीत की है। इस दौरान बातचीत में केवल पश्चिम और मध्य इलाके के विवाद पर चर्चा हुई थी। पूर्वी इलाके में सीमा विवाद पर चीन ने पहली बार इस बात को माना है कि यहां पर सीमा विवाद है। चीन ने वॉशिंगटन में हुई 58वीं ग्लोबल एनवायरमेंट्स फैसिलिटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान भूटान की साकतेंग वाइल्ड लाइफ सैंचुरी पर अपना दावा जताया था। चीन का कहना है कि यह क्षेत्र विवादित है जबकि भूटान ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया था। भूटान का कहना था कि हकीकत यह है कि जिस जगह पर यह वाइल्ड लाइफ सैंचुरी है, उस जगह पर पूर्व में कभी कोई विवाद नहीं रहा है।