"बॉर्डर पर चालाकी" की चीन को महंगी पड़ी चाल, भारत के दांव से चीन का ऐप मार्केट तबाह
नई दिल्ली: करीब 10 महीने बाद चीन की सेना को पूर्वी लद्दाख से वापस होने को मजबूर होना पड़ा है। लेकिन, इसके चक्कर में चाइनीज अर्थव्यवस्था को भारत ने तगड़ा झटका दे दिया है। मोबाइल ऐप की दुनिया में उसकी बादशाहत भारत ने छीन ली है। सीमा पर इतने दिनों के तनाव का असर ये हुआ कि स्थानीय डेवलपर्स को अवसर मिला और उनकी वजह से भारतीय मोबाइल ऐप्स को फलने-फूलने का मौका मिला, जिसने ओवरऑल मार्केट में चाइनीज कंपनियों को जबर्दस्त चपत लगा दिया है। इसका नतीजा ये हुआ है कि ऐप के बाजार में चाइनीज ऐप के हिस्से में भारी गिरावट आ गई है।
बॉर्डर पर चालाकी की चीन को महंगी पड़ी चाल
एक एनालिटिक्स फर्म ऐप्सफ्लायर की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में इस्टॉल हुए चाइनीज ऐप्स का हिस्सा 38 फीसदी था, जो कि पिछले साल में गिरकर मात्र 29 फीसदी रह गया है। इस मौके का भारतीय ऐप्स को बहुत ज्यादा फायदा मिला है और पिछले साल उसने अपना हिस्सा 39 फीसदी तक बढ़ाकर बाजार पर दबदबा बना लिया है। चाइनीज ऐप्स के इंस्टॉलेशन में जो कमी आई है, उस स्थान पर इजरायल, अमेरिका, रूस और जर्मनी के ऐप्स ने भी कब्जा जमाया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये देश भारत में तेजी से बढ़ते ऐप मार्केट के लिए और भी बेहतर मौके उपलब्ध करवाने वाले हैं। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) को उनके मंसूबे में नाकाम होकर पूर्वी लद्दाख से उलटे पांव वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा है।
छोटे कस्बों में भी बढ़ा ऐप का जलवा
ऐप्सफ्लायर इंडिया के कंट्री मैनेजर संजय त्रिसाल के मुताबिक, 'भारत के अर्ध-शहरी इलाकों में ऐप्स की मांग बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है। ' स्टडी से पता चला है कि अर्ध-शहरी इलाकों में मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। अभी जो मोबाइल पर ऐप्स इंस्टॉल हो रहे हैं, उनमें से 85 फीसदी टियर-2 और टियर- 3 शहरों से हो रहे हैं। छोटे शहरों और कस्बों में गेम, फाइनेंस और एंटरटेंमेंट कैटेगरी के ऐप्स यूजर्स के दिमाग पर हावी हैं। इसमें कहा गया है कि लोग घरों में पहले से ज्यादा वक्त बिता रहे हैं, इसलिए वह ऐप पर निर्भर भी होने लगे हैं तो लगे हाथ वह बहुत तेजी से गैर-जरूरी ऐप्स अनइंस्टॉल भी करने लगे हैं। यानी संकेत साफ है कि ऐप्स की दुनिया में गला-काट प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है; और इसलिए यह बहुत ही बड़ा बाजार बन गया है, जिसमें भारत एक विश्व शक्ति बनकर उभरता दिख रहा है।
सिर्फ 11 महीने में 730 करोड़ बार इंस्टॉल किए गए
इस स्टडी में भारतीय ऐप यूजर्स के बारे में बताया गया है कि वह ऐसा ऐप इंस्टॉल करना चाहते हैं, जो उनके फोन में स्पेस कम ले, कम डाटा खपत करे और कैसी भी कनेक्टिविटी हो वह बिंदास काम करता रहे। ऐप्सफ्लायर ने स्टडी का विश्लेषण कर कहा है कि पिछले साल 1 जनवरी से लेकर 30 नवंबर के बीच सभी वर्टिकल्स के 4,519 ऐप्स 730 करोड़ बार इंस्टॉल किए गए। इंस्टॉलेशन का रेट इतना ज्यादा है कि पहले दिन ही किसी ऐप को अनइंस्टॉल करने की दर भी बढ़ गई है। मसलन ओवरऑल की बात करें तो पहले दिन ही ऐप्स अनइंस्टॉल होने की दर 27 फीसदी पहंच गई, जो कि उससे पिछले साल 26 फीसदी थी। इसमें गेम, फूड और फाइनेंस ऐप के अनइंस्टॉलेशन की दर सबसे ज्यादा यानी क्रमश: 32फीसदी, 32 फीसदी और 30 फीसदी रही।