कोरोना संकट के बीच चीन की नई चालबाजी, भारत से बस 684 किलोमीटर दूर बनाया Artificial island
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही है तो वहीं चीन अपनी नापाक हरकतों को पूरा करने की साजिश में लगा हुआ है। चीन ने भारत से बस 684 किलोमीटर की दूरी पर एक कृत्रिम द्वीप यानी आर्टिफिशियल आईलैंड के निर्माण का काम शुरू कर दिया है। चीन इस नए द्वीप के साथ भारत के लिए नई रणनीतिक चुनौती बनने की कोशिशों में लगा हुआ है। उसका यह आर्टिफिशियल द्वीप दक्षिणी चीन सागर की तर्ज पर ही हिंद महासागर पर बन रहा है।
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सामने आईं सैटेलाइट फोटोग्राफ
चीन की इस चालबाजी का खुलासा उस समय हुआ जब इस नए द्वीप की कुछ सैटेलाइट फोटो हाल ही में सामने आई। इन तस्वीरों को दैटरेस्फा नामक इंटेलीजेंस एनालिस्ट ने जारी किया है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने साल 2016 चीन को देश के 16 द्वीप लीज पर दिए थे और अब ये सभी आईलैंड चीनी कंपनियों के कब्जे में हैं। चीन इन सभी द्वीपों पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य कर है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इन सभी आईलैंड्स पर निवेश करके भारत को घेरने की साजिश कर रहा है। चीन ने पहले ही कई देशों को अपने कर्ज के जाल में लपेटा हुआ है।
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लीज पर चीन को मिले 16 islands
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के लिए न्यूक्लियर इंफॉर्मेशन प्रोजेक्ट की डायरेक्टरर हैनेस क्रिस्टेंसन ने ट्वीट कर कहा कि मालदीव के फेदूफिनोल्हू द्वीप को मालदीव की सरकार ने चीन को चार मिलियन डॉलर यानी 30.33 करोड़ रुपए में लीज पर दिया था। अब चीन, भारत को बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत घेरने की कोशिशों में लगा हुआ है। चीन ने जिन देशों को अपने कर्ज के जाल में लपेटा हुआ है, उनमें से ज्यादातर हिंद महासागर क्षेत्र में ही पड़ते हैं।
बस 20 मिनट में भारत में दाखिल हो सकता है चीन जेट
मालदीव एक ऐसी जगह पर स्थित है जो हिंद महासागर में आने वाले और जाने वाले हर तरह के जहाज का मुख्य रास्ता है। इस रास्ते से हर वर्ष अरबों डॉलर का व्यापार होता है। इसी रास्ते की मदद से अब चीन, भारत पर नजर रखने की तैयारियों को अंजाम दे सकता है। जिस जगह पर चीन अपना आर्टिफिशियल आईलैंड बना रहा है वहां से कोई भी चीनी फाइटर जेट बस 20 से 25 मिनट के अंदर भारत की सीमा के अंदर दाखिल हो सकता है।
साल 2018 से बदले मालदीव के साथ रिश्ते
जिस समय अब्दुल्ला यामीन, मालदीव के राष्ट्रपति थे, उस समय भारत के साथ उसके रिश्तों में काफी तनाव आ गया था। इस तनाव की वजह से एक बार तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना मालदीव का दौरा तक कैंसिल कर दिया था। दिसंबर 2018 में जब से मालदीव के सोलिह ने सत्ता संभाली है, तब से भारत के साथ उसके संबंधों में बदलाव आया है। सोलिह के सत्ता में आने के बाद पिछले वर्ष जब पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों में दोबारा जीत हासिल की थी तो पहली बार सोलिह के आमंत्रण पर मालदीव के दौरे पर गए थे।