जनवरी में ही गलवान में घुसपैठ को तैयार हो चुका था चीन, तिब्बत में तैनात कर डाले थे हाई-टेक हथियार
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी टकराव को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं। यहां पर कई दौर की वार्ता के बाद भी स्थिति कब सामान्य होगी कोई नहीं समझ पा रहा है। अब ऐसी जानकारी आ रही है कि चीन ने साल 2020 की शुरुआत में ही गलवान घाटी में घुसपैठ की तैयारी कर ली थी। जून में गलवान घाटी में हुई हिंसा अचानक नहीं बल्कि चीन बहुत पहले से इसकी तैयारियां कर रहा था। पांच मई से ही लद्दाख में भारत और चीन के बीच टकराव जारी है।
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तिब्बत में तैनात था चीनी टैंक T-15
अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों और भारत की एजेंसियों की तरफ से आई अलग-अलग रिपोर्ट्स में इस बात की पुष्टि नहले ही हो चुकी है। इन रिपोर्ट्स में साफ है कि कैसे चीन ने फिंगर 4 एरिया में घुसपैठ करने से पहले गलवान और हॉट स्प्रिंग्स एरियाज में दाखिल होने के लिए पूरी तैयारी की थी। चीन ने जनवरी माह में कुछ इलाकों में आधुनिक तकनीक से लैस हथियारों को तैनात कर दिया था। तिब्बत में चीन ने अपने टैंक्स तैनात कर डाले थे। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि चीन ने एलएसी से सटे इलाकों में घुसपैठ कब से शुरू की। चीन ने तिब्बत में अपने टी-15 (ZTPQ) टैंक को तैनात किया था जिसका वजन 30 टन है और यह टैंक 105 एमएम गन से लैस है। इसकी वजह से इसे मुश्किल पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जा सकता है। चीनी सेना यह दावा भी करती है कि इस टैंक को हेलीकॉप्टस से एक जगह से दूसरी जगह भी लेकर जाया जा सकता है। 15 जून को गलवान घाटी में टकराव हिंसक हो गया था और इस टकराव में इंडियन आर्मी के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।
भारतीय सेना ने तैनात किया टी-90 टैंक
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि भारतीय सेना की तरफ से टी-90 टैंक्स जिन्हें अत्याधुनिक समझा जाता है, एलएसी पर तैनात कर दिए हैं। इन टैंक्स की तैनाती चीन की तरफ से टी-15 टैंक्स को तैनात करने के बाद ही की गई है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीनी टैंक के मुकाबले टी-90 टैंक काफी भारी है और इसका वजन करीब 45 टन है। दूसरी तरफ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को सांसदों की कमेटी को जानकारी दी है कि लद्दाख में डे-एस्कलेशन में समय लग सकता है। यह एक लंबी प्रक्रिया है और देश की सेनाएं हर स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनके साथ टॉप मिलिट्री ऑफिसर्स की तरफ से सांसदों को जानकारी दी गई है कि लद्दाख में शुरू होने वाली सर्दी के लिए भी सेना पूरी तरह से तैयार है और उसने यहां की खून जमा देने वाली सर्दी से बचने के लिए सारी तैयारियां कर ली हैं।