क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अब उत्‍तराखंड में लिपुलेख पास के करीब बॉर्डर पर चीन के 1,000 सैनिक‍!

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) के वेस्‍टर्न सेक्‍टर में स्थित लद्दाख में करीब तीन माह से चीनी सेना के साथ जारी टकराव अभी खत्‍म नहीं हुआ है कि चीन ने अब उत्‍तराखंड में नया मोर्चा खोल दिया है। जो नई जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक चीन ने पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की एक बटालियन को लिपुलेख पास के करीब एलएसी की तरफ से भेज दिया है। इस बटालियन का मकसद पहले से ही तैनात जवानों को ताकत देना है। पिछले कुछ दिनों से लिपुलेख पास की तरफ लगातार हलचल बढ़ रही है।

Recommended Video

India China : Uttarakhand में Lipulekh बॉर्डर पर 1 हजार Chinese Soldiers तैनात ! | वनइंडिया हिंदी

यह भी पढ़ें-भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता पर एक साथ अमेरिकी सांसदयह भी पढ़ें-भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता पर एक साथ अमेरिकी सांसद

मानसरोवर यात्रा के लिए होता है प्ग

मानसरोवर यात्रा के लिए होता है प्ग

इंडियन आर्मी के ऑफिसर्स के मुताबिक लद्दाख में जारी टकराव के बीच ही पीएलए ट्रूप्‍स अब लिपुलेख पास के करीब एलएसी पर नजर आने लगे हैं। इसके अलावा नॉर्थ सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ गई हैं। सीनियर ऑफिसर्स के मुताबिक चीन लगातार इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स से चिढ़ा हुआा है। लिपुलेख पास, मानसरोवर यात्रा के रास्‍ते में पड़ता है। यह जगह पिछले कुछ माह से लगातार चर्चा में है क्‍योंकि यहां पर बन रही 80 किलोमीटर लंबी एक सड़क का विरोध ही नेपाल ने मई माह में किया था। लिपुलेख पास का प्रयोग जून ने अक्‍टूबर माह तक भारत और चीन की सीमा पर रहने वाले स्‍थानीय लोग व्‍यापार के लिए करते हैं।

नेपाल के साथ तनाव की वजह

नेपाल के साथ तनाव की वजह

भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख पास की वजह से ही इस वर्ष मई में तनाव बढ़ गया था। उसके बाद नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्‍शे को बदलकर लिपुलेख और कालापानी को अपने नक्‍शे में दिखा था। यह जगह भारत-नेपाल-चीन की सीमा के बीच पड़ती है और एक ट्राइजंक्‍शन है। लिपुलेख पास के करीब पीएलए ने बटालियन को भेजा है यानी करीब 1,000 सैनिक इस समय एलएसी से कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक इससे इशारा मिलता है कि चीनी जवान पूरी तरह से तैयार होकर आए हैं। भारत ने भी पीएलए के जवानों के बराबर अपने जवानों की संख्‍या बढ़ा दी है। भारतीय सेना इसके साथ ही लगातार नेपाल पर भी नजर बनाए हुए है।

IAF के एयरक्राफ्ट की लैंडिंग

IAF के एयरक्राफ्ट की लैंडिंग

जुलाई के पहले हफ्ते में चीन बॉर्डर के करीब इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 और हेलीकॉप्‍टर एमआई-17 की लैंडिंग कराई गई थी। उत्‍तराखंड के चिनयालिसौर एयरस्ट्रिप पर इन एयरक्राफ्ट को लैंड किया गया था। चिनयालिसौर उत्‍तराखंड के चिनयालिसौर एयरस्ट्रिप पर इन एयरक्राफ्ट को देखा गया है। चिनयालियौर एयरस्ट्रिप, आईएएफ का एडवांस्‍ड लैंडिंग ग्राउंड है और यहां से चीन बॉर्डर की दूरी 125 किलोमीटर है। यह जगह उत्‍तरकाशी जिले में आती है और रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहम है। साल 2018 में आईएएफ की ड्रिल गगन शक्ति के तहत यहां पर रणनीतिक तैयारियों को परखने के लिए एएन-32 ने पहली बार लैंडिंग की थी।

चीन बॉर्डर के करीब तेजी से बन रही सड़क

चीन बॉर्डर के करीब तेजी से बन रही सड़क

जून माह से ही बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) उत्‍तराखंड में चीनी बॉर्डर के करीब सड़क निर्माण के काम को तेजी से पूरा करने में लगी हुई है। बीआरओ के लिए पिछले दिनों भारी उपकरणों से लदे हेलीकॉप्‍टर्स ने उत्‍तराखंड की जोहर घाटी में लैंडिंग की है। इन हेलीकॉप्‍टर्स में हिमालय के मुश्किल रास्‍तों पर मुनिस्‍यारी-बुगदियार-मिलाम पर पड़ने वाली सड़क के निर्माण का सामान था। साल 2019 में कई असफल प्रयासों के बाद बीआरओ को हाल ही में हेलीकॉप्‍टर्स की मदद से लास्‍पा तक भारी मशीनरी पहुंचाने में सफलता मिली है। इस सफलता के बाद अब सड़क निर्माण का काम तेजी से पूरा होने की उम्‍मीदें बढ़ गई हैं। उत्‍तराखंड में चीन के अलावा नेपाल का भी बॉर्डर है और इस वजह से एजेंसियां अब सतर्क हो गई हैं।

Comments
English summary
China now moves PLA's one battalion to Lipulekh pass in Uttrakhand.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X