ICJ: पाक को नहीं मिला चीन का भी साथ, चीनी जज ने भारत के हक में दिया फैसला
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए जाधव की फांसी की सजा पर रोक जारी रखी है। वहीं आईसीजे ने अपने फैसले में भारत को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा। साथ ही कोर्ट ने फांसी की सजा पर प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। भारत के पक्ष में यह फैसला 15-1 से आया। यहां तक कि पाक के खास दोस्त चीन का भी साथ उसे नहीं मिला।
कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। 16 में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला दिया। केवल पाकिस्तान के एडहॉक जज जिलानी ने अपना विरोध जताया। अदालत ने पाकिस्तान की ज़्यादातर आपत्तियों को बहुमत से खारिज कर दिया। अदालत ने ये भी माना है कि कुलभूषण जाधव को इतने दिनों तक कानूनी सहायता नहीं देकर पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है।
नीदरलैंड्स स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में 17 जुलाई को अपने फैसले में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक जारी रखते हुए पाकिस्तान को आदेश दिया कि वह जाधव को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराए। आईसीजे की 16 जजों की बेंच ने पाकिस्तान के हर तर्क को भी मानने से इनकार कर दिया। आईसीजे ने पाक के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारत ने इस संस्था का प्रयोग अपने राजनीतिक मंशा के लिए किया है।
इंडियन नेवी से कमांडर की रैंक से रिटायर हुए जाधव को पाकिस्तान ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने हालांकि भारत की तरफ से जाधव की रिहाई की मांग, मिलिट्री कोर्ट के फैसले को रद्द करने और उनकी सुरक्षित भारत रिहाई को मानने से इनकार कर दिया है।
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