यूरोप को पछाड़ चीन इस मामले में बना भारतीयों की पहली पसंद
नई दिल्ली। सीमा पर अक्सर भारत और चीन के बीच तनातनी की खबरें आती है लेकिन इसके बावजूद चीन एक मामले में भारतीयों की पहली पसंद बन गया है। और वो क्षेत्र है शिक्षा का। जी हां, शिक्षा के क्षेत्र में चीन अब भारतीय छात्रों की पहली पसंद बन गया है। इससे पहले भारतीय छात्र शिक्षा के लिए बाहर जाने के लिए यूरोप और खासकर ब्रिटेन को प्राथमिकता देते थे।
इस कारण चीन बना पहली पसंद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन अब विदेशों में पढ़ाई के लिए भारतीयों छात्रों की पहली पसंद बन गया है। बीते एक दो सालों में चीन में मेडिकल पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिला है। इसके पीछे भारत सरकार द्वारा हाला ही में लागू NEET परीक्षा को वजह बताया जा रहा है। बताया जा रहा है चूंकि NEET के जरिए मेडिकल की प्रवेश परीक्षा काफी कठिन हो गई है इसलिए भारतीय छात्र अब मेडिकल की पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में चीन का रुख कर रहे हैं।
खर्चा भी है भारत से कम
एक्सपर्ट प्रतिभा जैन ने बताया कि भारतीय छात्र इसलिए भी चीन की तरफ बड़ी संख्या में रुख कर रहे हैं क्योंकि एक तो चीन में आसानी से एडमिशन मिल जाता है। दूसरी बात चीन में मेडिकल कोर्स का खर्चा भी भारत से कम है और भारत की सरकार चीन की मेडिकल डिग्री को मान्यता भी देती है। उन्होंने बताया कि पहले कुछ छात्र रूस भी पढ़ने जाते थे लेकिन वहां उन्हें भाषा की दिक्कत का सामना करना पड़ता था क्योंकि पढ़ाई रूसी में होती थी लेकिन चीन में ऐसा नहीं है वहां अंग्रेजी में भी मेडिकल की पढ़ाई होती है।
2015 में 13,500 भारतीय छात्र गए चीन
एक अनुमान के मुताबिक चीन की यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए औसत फीस 1 हजार से 2 हजार डॉलर यानी करीब 1.5 से 2 लाख रुपये आती है। सिर्फ 2015 में ही 13,500 से ज्यादा भारतीय छात्र चीन में पढ़ाई के लिए गए थे। मेडिकल के बाद सबसे ज्यादा इंडीनियरिंग की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्र चीन जाते हैं।
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