चीन ड्रोन से कर रहा भारतीय सेना की निगरानी, एलएसी पर तैनात किए 50 हजार सैनिक
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पूर्वी लद्दाख के सामने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात करने के बाद, चीनी सेना बड़े पैमाने पर भारत की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है।
नई दिल्ली, 26 सितंबर। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पूर्वी लद्दाख के सामने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात करने के बाद, चीनी सेना बड़े पैमाने पर भारत की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है। वहां मौजूद भारतीय चौकियों के पास चीनी सेना के ड्रोन लगातार उड़ान भर रहे हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि चीनी सेना के ड्रोन की गतिविधि ज्यादातर दौलत बेह ओल्डी सेक्टर, गोगरा हाइट्स और क्षेत्र के अन्य गतिरोध वाली जगहों पर दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल कर के इन ड्रोनों की लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम लगातार उनपर नजर बनाए हुए हैं। एलएसी की स्थिति के बारे में बताते हुए सूत्रों ने कहा कि पिछले साल अप्रैल-मई में चीन के साथ हुई झड़प के बाद पिछले साल विकसित हुए गतिरोध के बिंदुओं को हल करने की आवश्यकता है।
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बता दें कि पैंगोंग झील के दोनों किनारे, गोगरा हाइट्स और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र सहित दोनों देशों के बीच गतिरोध के तीन प्रमुख बिंदु उभरे थे। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग त्सो और गोगरा हाइट्स के विवादित बिंदुओं को सुलझा लिया गया। आपसी बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं यहां से पीछे हट गई थीं। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना सीमा पर अपने स्थाई ढांचे को स्थाई ढांचे में बदल रहा है। स्रोत के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास के इलाकों में तिब्बती गांवों के पास सैन्य शिविर बनाए गए हैं।
ये शिविर कंक्रीट का इस्तेमाल कर बनाए गए हैं, जो कि इस बात का संकेत है कि वे लंबे समय तक सैनिकों को एलएसी पर तैनात करना चाहते हैं। चीन तिब्बती गांवों के पास अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भारी निवेश कर रहा है। ताकि उन्हें रक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। बता दें कि भारत भी बड़े पैमाने पर ड्रोन की तैनाती कर रहा है और जल्द ही नए इजरायल और भारतीय ड्रोन को भारत-चीन सीमा पर आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए तैनात किया जाएगा।