अरुणाचल प्रदेश: भारतीय सीमा के 100 किलोमीटर अंदर तक दाखिल हुई चीनी सेना!
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी के सांसद ने दावा किया है चीनी सेना ने फिर से राज्य में घुसपैठ की है। इस सांसद का दावा है कि चीनी सेना ने भारतीय सीमा के 100 किलोमीटर अंदर तक घुसपैठ करो अंजाम दिया है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है। उसकी सेनाएं कई बार यहां पर दाखिल हो चुकी है। अभी तक हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है। सांसद नेएक चैनल के साथ बातचीत में बीजेपी सांसद ने दावा किया है।
एक माह पहले चीन ने चली चाल
ईस्ट अरुणाचल से बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने कहा है कि करीब एक महीने पहले चीन की तरफ से भारतीय सीमा में पुल का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि चीन पिछले कई वर्षों से इस तरह की चाल चल रहा है। गाओ की मानें तो अरुणाचल में वह कई जगहों से घुसपैठ करने की कोशिश करता है। सांसद तापिर गाओ का कहना है कि चीनी सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से करीब 100 किमी अंदर तक भारतीय सीमा में दाखिल हुई और उसने यहां पर लकड़ी के एक पुल का निर्माण तक कर डाला है। यह मामला अंजवा जिले के चागलगम इलाके का है। यह एक नो मैन्स लैंड है जो आबादी से करीब 25 किमी दूर है। गाओ के मुताबिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें वीडियो भेजा था जिससे पता चला कि चीन किस तरह से एक तरफ भारत के साथ बेहतर संबंध की वकालत करता है तो दूसरी तरफ पीठ में छूरा भोंक रहा है।
Tapir Gao, BJP MP from Arunachal Pradesh: I do not blame Army or those who are patrolling the area; there are no roads how can they possibly access the area. I'm confident of the government. I want govt to look into it, I will also look into this. Roads need to be built. https://t.co/8jAWPEuxAy
— ANI (@ANI) September 4, 2019
सरकार करेगी आगे की कार्रवाई पर फैसला
तापिर गाओ ने बताया कि चागलगम, अरुणाचल प्रदेश की अंतिम एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट है। यहां से करीब 25 किमी दूर दियरू नाले पर पुल बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर के महीने में इसी इलाके में सेना की पेट्रोलिंग यूनिट की चीनी सैनिकों से झड़प हुई थी। तापिर ने कहा कि निश्चित तौर पर वह चीन के हालिया घुसपैठ और पुल निर्माण के मुद्दे को उठाएंगे। इस विषय पर अरुणाचल सरकार की अपनी सीमा है। यह दो देशों के बीच का मामला है और इसे वह भारत सरकार की जानकारी में लाएंगे। जहां तक कार्रवाई का सवाल है तो उस बारे में कोई भी फैसला सिर्फ भारत सरकार ही कर सकती है।