चीन की गुस्ताखी: लद्दाख की पैंगोंग झील के पास मार्च में 3 बार घुसपैठ की कोशिशें, कार से दाखिल हुए चीनी सैनिक
डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के रिश्ते कभी नरम तो कभी गरम बने हुए हैं। दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खी आ सकती है। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने अपनी एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी है।
नई दिल्ली। डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के रिश्ते कभी नरम तो कभी गरम बने हुए हैं। दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खी आ सकती है। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने अपनी एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी है और इस रिपोर्ट में उसने जानकारी दी है कि चीनी सेना ने लद्दाख के पैंगोंग झील के पास तीन बार घुसपैठ की कोशिश की है। चीन ने मार्च में इस इलाके में घुसपैठ की कोशिशें की थीं। इससे पहले चीन की ओर से अरूणाचल प्रदेश के असफिला इलाके में चीन ने भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर एतराज जताया था। पिछले माह हुई इस घटना की जानकारी के बीच ही घुसपैठ की नई जानकारी सामने आई है।
चार माह के दौरान चीन ने कई बार की कोशिश
आईटीबीपी ने अपनी जो रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है उसमें उसने कहा है कि चीनी सेना ने 27 फरवरी, छह मार्च और नौ मार्च को लद्दाख में घुसपैठ को अंजाम दिया। चीनी सैनिक कार पर सवार होकर करीब छह किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो गए थे। बाद में आईटीबीपी जवानों के विरोध के चलते चीनी सैनिक वापस लौटने पर मजबूर हो गए। आईबीपी के मुताबिक पिछले चार माह के दौरान चीनी सेना ने कई बार घुसपैठ की कोशिशें की है। ये कोशिशें सिर्फ लद्दाख में ही नहीं हुईं बल्कि अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भी घुसपैठ की कोशिशें की गई हैं। हालांकि भारतीय जवान लगातार मुस्तैद हैं और वह चीन की ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं। पिछले माह ही आईटीबीपी की ओर से सरकार को जानकारी दी गई थी कि चीनी सेना के हेलीकॉप्टर्स लद्दाख के हवाई क्षेत्र में दाखिल हो गए थे।
अरुणाचल में चीन ने लगाया घुसपैठ का आरोप
वहीं दूसरी ओर चीनी सेना की ओर से अरुणाणाचल प्रदेश के असफिला में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर एतराज जताया था। लेकिन भारत की ओर से चीन के इस विरोध को नजरअंदाज कर दिश गयस था। भारत का कहना था कि अरुणाचल प्रदेश का ऊपरी सुबानसिरी क्षेत्र भारत का है और भारतीय सेना यहां पर नियमित गश्त करती आई है। इस मुद्दे को 15 मार्च को हुई बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) में भी उठाया गया था। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना ने भारतीय सेना की ओर से जारी पेट्रोलिंग को घुसपैठ करार दिया था। बीपीएम के तहत दोनों पक्ष किसी भी तरह के घुसपैठ को लेकर विरोध जता सकते हैं। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी को लेकर खासा विरोध रहा है।