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चीनी सेना ने पैंगोंग झील पर फिंगर 4 पर जवानों की संख्‍या को किया दोगुना, स्थिति गंभीर

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नई दिल्‍ली। 10 सितंबर को रूस की राजधानी मॉस्‍को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर डिसइंगेजमेंट पर चर्चा हो सकती है। लेकिन दूसरी तरफ पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के तेवरों में नरमी का कोई संकेत नहीं नजर आ रहा है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि चीन ने पैंगोंग झील के उत्‍तर में स्थित फिंगर 4 पर अपने जवानों की संख्‍या बढ़ा दी है। फिंगर 4 वह हिस्‍सा है जिस पर इस समय चीन के जवान मौजूद हैं और पांच मई से यहां पर टकराव की स्थिति गंभीर है।

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चीन पर भरोसा नहीं कर सकती सेना

फिंगर 4 पर चीनी जवानों की संख्‍या में इजाफे ने साफ कर दिया है कि इंडियन आर्मी किसी भी तरह से चीन पर भरोसा नहीं कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर जब चीन के विदेश मंत्री वांग वाई से 10 सितंबर को मुलाकात करेंगे तो वह इस पर चर्चा कर सकते हैं। उनकी मीटिंग सात सितंबर की घटना के बाद से और अहम हो गई है। इस घटना के बाद चीन के विदेश मंत्रालय और पीएलए की तरफ से एक जैसे बयान ही आए हैं। सेना की तरफ से पीएलए के सामने डिसइंगेजमेंट और डि-एस्‍कलेशन का एक पूरा प्रस्‍तावित प्‍लान दिया गया है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि चीनी सेना उन पोस्‍ट्स पर कब्‍जा नहीं करेगी जो पैंगोंग के दक्षिण में हैं और खाली पड़ी हैं। यह बात भी गौर करने वाली है कि पीएलए ने फिंगर 4 के आगे भी कई पोस्‍ट्स पर कब्‍जा कर रखा है। विशेषज्ञों की तरफ से कहा गया है कि एलएसी पर अब इस बात का अंदेशा बहुत बढ़ गया है कि भारत और चीन के बीच टकराव लंबी खींच सकता है।

ब्‍लैक टॉप, ग्रीन टॉप पर आमने-सामने सेनाएं

भारतीय सेना ने पैंगोंग के दक्षिणी हिस्‍से में ब्‍लैक टॉप पर कब्‍जा कर लिया है। 4,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस चोटी की रणनीतिक अहमियत है। इस पर कब्‍जे के बाद से सेना स्‍पांग्‍गुर गैप के करीब पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों पर नजर रख सकती है। ब्‍लैक टॉप, पीएलए के कब्‍जे वाले ग्रीन टॉप के ठीक सामने है। ग्रीन टॉप, फिंगर 4 का एक अहम स्‍थान है। यहां से कई ऐसी चोटियां शुरू होती हैं जो पैंगोंग के उत्‍तर-पूर्व से शुरू होती हैं। पीएलए के जवान ग्रीन टॉप पर हैं और यहां से वह फिंगर 3 पर भारतीय सेना की मुख्‍य फॉरवर्ड पोस्‍ट पर नजर रख रहे हैं। साथ ही पैंगोंग के दक्षिण में स्थित कुछ पोस्‍ट्स पर भी उनकी नजरें हैं। मिलिट्री कमांडर्स का कहना है कि उन्‍हें उन लोकेशंस पर मुस्‍तैद रहना होगा जहां पर अगले वर्ष पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के आक्रामक होने की आशंका है। सेना सूत्रों के मुताबिक पीएलए की आक्रामकता के बाद अब चीन का भरोसा नहीं है।

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English summary
China doubles troops strength on Finger 4 on North of Pangong Tso.
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