चीन ने 'पठारी क्षेत्र' में तैनात किए बमवर्षक और स्पेशल फोर्स- रिपोर्ट
नई दिल्ली- चीन भारत के साथ तीन मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। पूर्वी लद्दाख में लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है। कूटनीतिक स्तर पर लगातार झूठ पर झूठ बोले जा रहा है, लेकिन साथ ही साथ बातचीत में भी उलझाए रखना चाहता है और चीन की सरकारी मीडिया लगातार झूठी खबरों को परोसने के साथ ही धमकाने वाले अंदाज में अपना मिशन चला रहा है। एकबार फिर ग्लोबल टाइम्स ने खबर छापी है कि चीन की सेना ने 'पठारी क्षेत्र' में बॉम्बर्स, एयर डिफेंस ट्रूप्स, आर्टिलरी, बख्तरबंद वाहन, पैराट्रूपर्स, स्पेशल फोर्स और इंफैंट्री यूनिट को तैनात किया है। हालांकि, यह साफ नहीं किया गया है कि 'पठारी क्षेत्र' का मतलब क्या तिब्बत से ही है ?
'चीन ने 'पठारी क्षेत्र' में तैनात किए बमवर्षक-स्पेशल फोर्स'
चाइनीज सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर जारी तनाव के बीच बहुत बड़े दावे किए हैं। इसके मुताबिक चीन ने भारत के साथ सीमा पर जारी टेंशन के मद्देनजर अपने पठारी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सेना को जुटाना शुरू कर दिया है। यह सेना चीन के विभिन्न हिस्सों से पठारी क्षेत्र में भेजी जा रही है। ग्लोबल टाइम्स ने एक सैन्य विश्लेषक को कोट करते हुए लिखा है कि 'सेना को पठारी क्षेत्र में भेजने की जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक वहां बॉम्बर्स, एयर डिफेंस ट्रूप्स, आर्टिलरी, बख्तरबंद वाहन, पैराट्रूपर्स, स्पेशल फोर्स और इंफैंट्री यूनिट को देश के विभिन्न हिस्सों से पठारी क्षेत्र में भेजा जा रहा है। यह ऐसा कदम है जो देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पीएलए की क्षमता और दृढ़ संकल्प और क्षेत्रीय अखंडता को दिखाता है।' हालांकि, यह साफ नहीं हो पा रहा है कि जिस पठारी क्षेत्र की बात की जा रहा है, उसका मतलब क्या तिब्बत से है?
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एच-6 बॉम्बर्स और वाई-20 एयरक्राफ्ट से ट्रेनिंग के दावे
रिपोर्ट में एकबार फिर से भारत पर झूठे आरोप लगाते हुए कहा गया है कि 'भारतीय सेना की ओर से एलएसी के पास पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर यथास्थिति बदलने की एक और कोशिश को पीएलए द्वारा नाकाम करने के एक दिन बाद मंगलवार को क्षेत्र में 'ट्रेनिंग मिशन के लिए' 'एच-6 बॉम्बर्स और वाई-20 बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी पीएलए के सेंट्रल थियेटर कमांड एयर फोर्स के साथ अटैच किया गया था।' (दूसरी तस्वीर-सांकेतिक)
'एचजे-10 टैंक मिसाइल सिस्टम की तैनाती'
रिपोर्ट में पिछले हफ्ते शुक्रवार को चाइना सेंट्रल टेलीविजन की एक रिपोर्ट के हवाले से यह भी कहा गया है कि 'एचजे-10 टैंक मिसाइल सिस्टम को पीएलए के 71वें ग्रुप आर्मी के साथ अटैच किया गया है, जो हाल ही में पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत से उत्तर पश्चिमी चीन के गोबी मरुस्थल तक कई हजार किलोमीटर तक भेजा गया है, जबकि पीएलए के तिब्बत मिलिट्री कमांड ने 4,500 मीटर की ऊंचाई पर राउंड-द-क्लॉक कॉम्बाइंड ब्रिगेड एक्सरसाइज किया है। पीएलए 72 वें ग्रुप आर्मी के अंतर्गत एक एयर डिफेंस ब्रिगेड को भी उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में भेजा गया और उसने एंटी-एयरक्राफ्ट गन और मिसाइलों के साथ लाइव युद्ध जैसा अभ्यास किया। '
भारत को धमकाने की कोशिश जारी
सीसीटीवी की रिपोर्ट में पिछले हफ्ते ये भी बताया गया था कि उत्तर पश्चिमी चीन के मरुस्थल में पैराट्रूपर्स और भारी उपकरणों के साथ एयर फोर्स ने ट्रांसपोर्ट विमान लेकर मल्टीडायमेंशनल एरिया पर कब्जे और नियंत्रण का भी अभ्यास किया था। यही नहीं ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के हवाले से धमकी भरी जुबान में यह भी दावा किया है कि 'चीन तो संयम बरत रहा है और सद्भावना दिखा रहा है, जिसे भारत ने रियायत के रूप में गलत समझ लिया। तैनाती बढ़ाने से उम्मीद है कि भारतीयों को समझ आएगी और उनके दिमाग को शांति मिलेगी और अगर हालात बहुत ज्यादा बिगड़े तो उसके लिए भी तैयार रहने का मौका मिलेगा।'