कोरोना वायरस: भारतीयों को लाने वाले विमान को क्लीयरेंस देने में जानबूझकर देरी कर रहा चीन
नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस का कहर अब भी जारी है। इस बीच भारत ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह भारतीय विमान को 'जानबूझकर क्लीयरेंस' नहीं दे रहा है। ये विमान राहत सामग्री लेकर चीन के वुहान शहर में 21 फरवरी को उड़ान भरने वाला था, साथ ही वहां से लौटते वक्त 100 भारतीयों को वापस लाने वाला था। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है।
विमान उड़ान नहीं भर पाया
भारत ने घोषणा की थी कि वह एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान को मेडिकल आपूर्ति के साथ वुहान भेजेगा और साथ ही वहां फंसे भारतीयों को लौटते वक्त लाया जाएगा। लेकिन चीन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण विमान उड़ान नहीं भर पाया। मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा कि अभी तक चीनी सरकार ने विमान को अनुमति नहीं दी है।
'चीन जानबूझकर कर रहा देरी'
उन्होंने कहा, 'चीन जानबूझकर विमान को अनुमति देने में देरी कर रहा है। वो लगातार कह रहा है कि कोई देरी नहीं हो रही है, शुक्रवार (जिस दिन विमान को उड़ान भरनी थी) को भी उसने यही कहा, लेकिन बेवजह क्लीयरेंस नहीं दिया गया है। भारत खुद भारी कमी का सामना करने के बावजूद भी आपूर्ति कर रहा है, दूसरों को, विशेषकर पड़ोसियों को, उनकी जरूरत के समय में मदद करना हमारी संस्कृति है।' जो सामान भारत की ओर से जाना था, उसमें गल्वस, सर्जिकल मास्क, फीडिंग और इन्फ्यूजन पंप शामिल हैं।
इससे पहले भेजे गए थे दो विमान
इससे पहले भारत वुहान के लिए अपने दो विमान भेज चुका है। जो बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों और पेशेवरों को लेकर स्वदेश लौटा था। वुहान में अब भी कई भारतीय वापस देश लौटने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन चीन की देरी के चलते ना केवल उन्हें बल्कि उनके परिवारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस सहित कई अन्य देश भी अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान भेज रहे हैं। इन सभी को अनुमति भी मिल रही है लेकिन केवल भारत को ही अनुमति नहीं मिल रही है।
वुहान में फंसे भारतीय परेशान
एक अन्य शख्स ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा, 'क्या वे समर्थन के तौर पर हमारी सहायता नहीं लेना चाहते? वे वुहान से हमारे नागरिकों को निकालने में बाधा क्यों डाल रहे हैं? जिसके चलते उन्हें कठिनाई और मानसिक पीड़ा को झेलना पड़ रहा है।'
चीन ने दी सफाई
भारत के तीसरे विमान को मंजूरी देने में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि चीन ने भारत को यहां फंसे भारतीयों को बाहर निकालने में मदद की है। दोनों ही देश के संबंधित अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं, चीन की ओर से भारत के विमान को अनुमति देने में किसी भी तरह की देरी नहीं की गई है।
'हमने हर संभव सहायता दी'
उन्होंने कहा कि बाकी बचे 80 भारतीयों के लिए बंदोबस्त करने पर दोनों पक्षों के सक्षम विभाग अब भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। चीन विमान को अनुमति देने में देरी नहीं कर रहा है। गेंग ने कहा कि चीनी सरकार सभी विदेशी नागरिकों के जीवन और सेहत को महत्व देती है। हमने इन विदेशी नागरिकों को हर संभव सहायता दी है और हम ये जारी भी रखेंगे। हमें इस बात की उम्मीद है कि संबंधित देश विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुशंसा का सम्मान करेंगे और ओवर रिएक्ट करने से बचेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि चीन इस महामारी से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना जारी रखेगा।
अब तक 2345 की मौत
बता दें कोरोना वायरस (कोविड-19) से चीन में अभी तक 2345 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 76,288 लोग इससे संक्रमित हैं। शुक्रवार को ही लेबनान और इस्राइल में भी कोरोना के पहले मामलों की पुष्टि हुई है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यहां इस बीमारी के 13 नए मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हो गई है। यानी अब तक ईरान में कोरोना से कुल 4 लोगों की मौत हो गई है, और 18 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं दक्षिण कोरिया में इसके 142 नए मामले सामने आए हैं। यहां कुल 346 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इटली में भी 78 साल के एक शख्स की कोरोना से मौत हो गई है। ये कोरोना वायरस से यहां हुई पहली मौत है।
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