महामारी चिकित्सा आपूर्ति में भी है चीन का नियंत्रण, मई तक 7060 करोड़ मास्क का किया निर्यात
नई दिल्ली। कोरोनोवायरस से निपटने के लिए मास्क, गाउन, टेस्ट किट और अन्य फ्रंट-लाइन सुरक्षा सामग्री की आपूर्ति के बारे में चीन के नियंत्रण से चिंतित दुनिया भर के देशों ने भविष्य के महामारी और प्रकोप से निपटने के लिए अपने कारखाने स्थापित किए हैं, लेकिन यह दूसरे देशों के लिए तब मुश्किल होता जाता है जब प्रकोप कम होने लगता है और ऐसे में उन्हें कारखानों को जीवित रखने के लिए संघर्ष करना पड़ जाता है।
गौरतलब है चीन ने आने वाले वर्षों के लिए सुरक्षात्मक और चिकित्सा आपूर्ति के लिए बाजार पर हावी होने के लिए इसकी नींव बहुत पहले रख दी है और इसके लिए कारखानों के मालिकों को चीनी सरकार के सौजन्य से सस्ती जमीन और फैक्टरी चलाने के लिए ऋण और सब्सिडी भी भरपूर दिया जाता हैं।
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चीनी अस्पतालों को अक्सर स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सामग्री खरीदने के लिए कहा जाता है, जिससे चीन के आपूर्तिकर्ताओं को एक विशाल और कैप्टिव बाजार मिल जाता है, क्योंकि एक बार टीका विकसित होने पर मांग में गिरावट आने पर फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी।
बावजूद इसके चीनी कंपनियों के अब तक की सबसे कम लागत और अगले वैश्विक प्रकोप के लिए सबसे अच्छी स्थिति होने की संभावना है। वैश्विक औद्योगिक मशीन में चीन की पकड़ महत्वपूर्ण बाजारों पर हावी होने के लिए रामबाण कहा जा सकता है।
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पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के अनुमान के मुताबिक महामारी से पूर्व ही चीन ने संयुक्त दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक रेस्पिरेटर, सर्जिकल मास्क, मेडिकल चश्मे और सुरक्षात्मक कपड़ों का निर्यात कर दिया था। बीजिंग में सामने आए कोरोनावायरस प्रतिक्रिया ने उसके प्रभुत्व को और बढ़ाया है।
चीन ने अकेले फरवरी में मास्क उत्पादन में लगभग 12 गुना वृद्धि की। नॉर्थफील्ड, इलिनोइस में एक नामी अनुसंधान और परामर्श फर्म चलाने वाले बॉब मैकलवाइन ने बताया कि मास्क के लिए इस्तेमाल होने वाले विशेष कपड़े से चीन रोजाना 150 टन प्रति दिन मास्क बना सकता है। यानी चीन प्रकोप से पहले 5 गुना मास्क बना लिया था और अमेरिकी कंपनियों के उत्पादन के 15 गुना उत्पादन के बाद भी चीन ने वसंत में उत्पादन में वृद्धि की।
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अमेरिकी कंपनियां कपड़े निर्माण में बड़ा निवेश करने से हिचक रही हैं, क्योंकि उन्हें चिंता है कि मास्क की मांग अस्थायी होगी, लेकिन टेक्सास को गुरुवार को वृहद स्तर पर मास्क की आवश्यकता थी, क्योंकि वहां के अधिकांश निवासी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनते हैं और हाल के दिनों में मास्क जीवन का एक व्यापक हिस्सा बन गया है। मैकलवाइन ने कहा कि यह मान लेना एक बहुत बड़ी गलती है कि मास्क का बाजार गायब हो जाएगा।
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विदेशी मामलों के चीनी उप मंत्री मा झाओक्सू ने बताया कि मार्च से मई तक चीन ने 70.6 बिलियन मास्क का निर्यात किया, जबकि पूरे विश्व में पिछले साल लगभग 20 बिलियन मास्क का उत्पादन हुआ, जिसमें चीन का अकेले आधा हिस्सा था। हालांकि अन्य देश अब मास्क में आत्मनिर्भरता चाहते हैं। महामारी की शुरूआत के समय में चीन ने कभी-कभी यह तय किया कि किसे महत्वपूर्ण आपूर्ति मिले और बदले में उससे सार्वजनिक धन्यवाद की भी मांग की।
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वर्ष 2005 में SARS के प्रकोप के बाद, जिसमें चीन में 350 लोगों की जान ले ली थी। चीनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने चीनी चेहरे फिट होने वाले बेहतर सांस लेने वाले मास्क विकसित किए। वर्ष 2010 में सरकार की पंचवर्षीय आर्थिक योजना में बेसिक उपकरण और चिकित्सा सामग्री विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया गया, जिनकी मांग उच्च होती है और मुख्य रूप से आयात के लिए व्यापक रूप से लोग कतार में होते हैं।
चीन ने न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किट के महत्व को भी रेखांकित किया है, जो कोरोनावायरस संक्रमण का पता लगा सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वर्ष 2017 में किट को लक्षित विकास उद्योग के रूप में पहचान की थी।
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