LAC पर अधिकतर जगहों पर सेना को पीछे हटाने का काम पूरा: चीन
नई दिल्ली। पिछले काफी समय से भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद बना हुआ है। लेकिन अब चीन की ओर से दावा किया गया है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल, यानि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अधिकतर इलाकों में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो गई है। हालांकि भारत सरकार या भारतीय सेना की ओर से इस बाबत कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। चीन के विदेश मंत्रालय के इस बयान की भारत की ओर से अभी भी पुष्टि की जानी बाकी है। बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं के कमांडर स्तर की पांचवी बैठक से पहले चीन की ओर से यह बयान जारी किया गया है।
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पांचवे राउंड के कमांडर स्तर की बैठक की तैयारी
बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेन्बिन ने कहा कि हाल ही में चीन और भारत के बीच कई स्तर की सैन्य और राजनयिक बैठक हुई, चार बार कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है, जबकि तीन बार भारत-चीन सीमा मसले पर राजनयिक स्तर पर बात हो चुकी है। सीमा पर अधिकतर इलाकों में डिसइंगेजमेंट का काम पूरा हो चुका है, तनाव भी अब काफी कम हो चुका है। मौजूदा समय में दोनों देशों के सेनाएं कमांडर स्तर की पांचवीं बैठक की तैयारी कर रही हैं ताकि कुछ जमीनी मुद्दों को भी सुलझाया जा सके। हमे उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी चीन के साथ इन मसलों को हल करने पर ध्यान देगा। दोनों ही देश आपसी सहमति से सीमा पर शांति को बहाल करने का काम करेंगे।
पहली बार चीन ने पैंन्गोंग का मसला अनसुलझा माना
अहम बात यह है कि पहली बार चीन ने इस बात को माना है कि पैंन्गॉन्ग झील को लेकर मुद्दों को सुलझाया जाना बाकी है, माना जा रहा है कि इसे मसले को कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान उठाया जाएगा। रक्षा सूत्रों की मानें तो सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाईंट 14 और पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 में पूरी हो चुकी है। हालांकि पेट्रोलिंग प्वाइंट 17ए, पैंन्गोंग झी पर अभी भी सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सेना के सूत्रों के अनुसार इन इलाकों में जमीनी स्तर पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन सभी मसलों को पांचवे दौर की कमांडर स्तर की वार्ता में उठाया जाएगा, जोकि इस हफ्ते होने है। सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि यह वार्ता इस हफ्ते के आखिरी के 2-3 दिनों में हो सकती है। हालांकि तारीखों का अभी ऐलान होना बाकी है।
पैंन्गोंग का मसला बरकरार
बता दें के पैंगॉन्ग त्सो से चीन की सेना पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थी, यही वजह है कि एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं की डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। माना जा रहा है कि दोनों देशों की सेना के बीच होने वाली कमांडर स्तर की बैठक के दौरान इसी मुद्दे पर बात की जाएगी। इससे पहले मई माह में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमे भारत के कई जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, जबकि चीनी सेना के दर्जनों जवानों के मारे जाने की खबर सामने आई थी।
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