चीन ने लद्दाख में पैंगोंग के विवाद के लिए भारत को बताया दोषी, मीडिया रिपोर्ट्स का दिया हवाला
नई दिल्ली। पिछले दिनों रूस की राजधानी मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग वाई से मुलाकात की। दोनों नेता 10 बिंदुओं वाले उस नतीजे पर पहुंचे जिसके तहत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर डिसइंगेजमेंट और डिएस्कलेशन को पूरा किया जाएगा। लेकिन इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि एलएसी पर तनाव फिलहाल कम होने के कोई आसार नहीं हैं। चीन ने भारत को पिछले दिनों पैंगोंग त्सो पर हुए विवाद के लिए दोषी बता डाला है।
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कुछ मंत्रियों के बयानों का भी जिक्र
भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग की तरफ से हालिया घटनाक्रम पर बयान दिया गया है। इस बयान में उन्होंने भारत के कुछ मंत्रियों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है। उन्होंने इन बयानों और रिपोर्ट्स के आधार पर दावा किया है कि भारत ने एलएसी पर समझौतों का उल्लंघन किया और यथास्थिति में बदलाव की कोशिशें की हैं। विडोंग ने कहा, 'हाल ही में कुछ खास मंत्रियों की तरफ से बयानों में कहा गया है कि भारतीय जवानों ने पूर्वनियोजित तरीके से चीनी जवानों को पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से पर जवाब दिया है। इससे साफ है कि भारत के जवान एलएसी को गैर-कानूनी तरीके से पार कर बॉर्डर के इलाकों में बदलाव की कोशिशें कर रहे थे।'
PLA ने की थी बदलाव की कोशिशें
इसी बयान में उन्होंने कहा है कि कुछ भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स में सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इंडियन आर्मी की तरफ दो अलग-अलग मौकों पर फायरिंग की गई है। माना जा रहा है कि विडोंग ने यह बात भारत की तरफ से आए उस बयान की प्रतिक्रिया स्वरूप कही है जो 31 अगस्त को आया था। इस बयान में कहा गया था भारतीय जवानों ने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की तरफ से पूर्वनियोजित तरीके से एलएसी की यथास्थिति में हो रहे बदलाव की कोशिशों को विफल कर दिया है। हालांकि विडोंग को इस बात का भरोसा है कि पिछले दिनों भारत और चीन जिन नतीजों पर पहुंचे हैं उसके बाद बॉर्डर पर शांति हो सकेगी।