क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कर्ज में डूबे पाकिस्तान के बड़े हिस्से पर चीन जबरन कर सकता है कब्जा!

Google Oneindia News

बेंगलुरू। पाकिस्तान के खस्ताहाल आर्थिक हालात किसी से छिपा हुआ नहीं है। आर्थिक कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तानी हुक्मरान लगातार कर्ज लेकर घी पी रहे हैं। आधिकारिक आकंड़ों पर गौर करें तो पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने पिछले एक वर्ष के अपने कार्यकाल में रिकॉर्ड कर्ज लेकर पाकिस्तान की हालत बद से बदतर बना दी है।

china

प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले वर्ष कुल 7408 अरब पाकिस्तानी रुपए का कर्ज लिए हैं। इसकी पुष्टि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा पीएमओ को भेजे गए रिपोर्ट से हुई है। पाकिस्तान में पूरे कर्ज में उसके कथित मित्र पड़ोसी राष्ट्र चीन के कर्ज का बड़ा हिस्सा शामिल है।

दरअसल, पाकिस्तान ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के तहत चीन से 62 अरब डॉलर का कर्ज लिया हुआ है, लेकिन पाकिस्तान की माली हालत इतनी खराब है कि वह चीन को कर्ज को पैसा चुकाने के स्थिति में नहीं रह गया है। हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चीन से मिले कर्ज को लौटाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोस(आईएफएफ) से बेलआउट पैकेज की मांग की थी।

china

हालांकि अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से आईएमएफ से पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित बहु-अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज देने का विरोध करते हुए कहा कि इसका उपयोग चीनी कर्ज चुकाने के लिए कर सकता है।

सांसदों ने 15 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा कि चीनी अवसंरचना परियोजनाओं से प्राप्त ऋण को लौटाने के लिए पाकिस्तान सरकार के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज की मांग को लेकर हम बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि चीन सीपेक के तहत पाकिस्तान में 62 अरब डॉलर निवेश कर रहा है।

China

उन्होंने कहा कि इसकी ऋण अदायगी और लाभ प्रत्यावर्तन की शर्तें उजागर नहीं हैं और इससे पाकिस्तान में काफी चिंताएं उत्पन्न हैं। पत्र में कहा गया कि चीन की ऋण-जाल कूटनीति का खतरनाक उदाहरण यह है कि, श्रीलंका उस चीनी ऋण पर भुगतान करने में असमर्थ हो गया जो उसने हंबनटोटा बंदरगाह विकास परियोजना के लिए लिया था और बाद में श्रीलंकाई हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन ने आधिपत्य जमा लिया।

China

गौरतलब है चीनी दवाब और भारी चीनी कर्ज के बोझ नहीं सह पाने के कारण श्रीलंका को अंततः बंदरगाह के चारों ओर 1,500 एकड़ जमीन को 99 साल के पट्टे के लिए चीन को सौंपना पड़ा था। पत्र में कहा गया कि चीन की ऋण कूटनीति का पाकिस्तान में प्रभाव स्पष्ट है, जिसे श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में देखा जा चुका है और इसे नकारा नहीं जा सकता। कयासों से स्पष्ट है कि चीन का अगला शिकार पाकिस्तान हो सकता है और कर्ज नहीं चुकाने की स्थिति में वह पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे पर कब्जा देने के लिए पाकिस्तान को मजबूर कर सकता है।

china

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान ने अगस्त 2018-19 के बीच विदेश से 2804 अरब रुपये का और घरेलू स्रोतों से 4705 अरब रुपये का कर्ज लिया था। वहीं, पाकिस्तानी स्टेट बैंक के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में पाकिस्तान के सार्वजनिक कर्ज में 1.43 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिससे संघीय सरकार का यह कर्ज बढ़कर 32,240 अरब रुपए हो गया है और अगस्त 2018 में यह कर्ज बढ़कर 24,732 अरब रुपए था, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीने में सरकार का कर संग्रह 960 अरब रुपये का रहा, जो कि 10 खरब रुपए के लक्ष्य से कम है।

अभी हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री आनन-फानन में चीन का रूख इसलिए करना पड़ा था, क्योंकि सीपेक का काम पैसों की कमी से रूक गया था। सूत्रों का कहना है कि इमरान खान के बीजिंग दौरे की अहमियत इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के भारत दौरे से ठीक पहले हुआ है।

China

पाकिस्तान की आर्थिक हालात इतने खराब हैं कि पाकिस्तान के मार्केट को चीन चाइना का कब्जा हो गया है। यही नहीं, चीन पाकिस्तान में सड़कें पुल, इमारतें, बंदरगाह, बिजली सब चाइना मेड ही बन रही हैं। यही नहीं, अब तो पाकिस्तान में चीन की करेंसी तक चलने वाली है यानी पाकिस्तान में अब सामान भी चीनी करेंसी में खरीदे-बेचे जाएंगे।

ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि पाकिस्तान का ख़जाना खाली है, पाकिस्तानी रुपया ऐतिहासिक रूप से नीचे गिर चुका है और उसकी करेंसी को कोई पूछ नहीं रहा। आशंका जताई जा रही है कि कि जैस करीब 400 साल पहले ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापार के नाम पर भारत में दाखिल हुई थी और उसने धीरे-धीर करके पूरे भारत को गुलाम बना लिया था। चीन में वही नीति अपना रहा है। सीपेक के नाम पर पाकिस्तान ने ना सिर्फ अपने देश बल्कि ज़मीर और खुद्दारी सब कुछ चीन के हवाले कर दी है। आलम यह है कि चीन का कर्जा चुकाने में असमर्थ पाकिस्तान पर चीन आधिपत्य जमा सकता है।

china

माना जाता है कि पाकिस्तान में सीपेक के ज़रिए घुसपैठ करने के बाद पाकिस्तान को अपना गुलाम बनाने के लिए सीपेक का पासा फेंका था। चीन ने पाकिस्तान में ना सिर्फ 5 लाख चीनी नागरिकों को बसाने का प्लान बनाया बल्कि चीनी अब पाकिस्तान में अपनी करेंसी भी चलाने की योजना का अमलीजामा पहनाने जा रहा है। यानी पाकिस्तानी रुपए और डॉलर के बाद अब चीनी युआन भी पाकिस्तान में लीगल टेंडर बन जाएगा और पाकिस्तान अपने प्रभुत्व से समझौता करके चीनी मनमानी को सहना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- भारत दौर से पहले बोले चीनी राष्ट्रपति, अपने हितों के लिए पाकिस्तान का समर्थन करते रहेंगे

Comments
English summary
Pakistan economy drastically crashed and huge amount of foreign in dept Pakistan can face big trauma as china can occupied Pakistan part of land against loan given for Cpec.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X