भारत को उम्मीद जल्द चीन भी करेगा मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव का समर्थन
नई दिल्ली। बुधवार को चीन ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर चौथी बार टेक्निकल होल्ड लगा दिया। अब सूत्रों की मानें तो भारत इस वजह से चीन से निराश जरूर है लेकिन वह संयम से काम लेगा। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से फिर से जैश के चीफ मसूद अजहर को बैन करने और उसके ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर बहस होने लगी है। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी और इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
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भारत ने नहीं खोया है संयम
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत, चीन की कोशिशों के बाद भी प्रतिबंध लगाने वाली समिति के साथ काम कर रहा है। कोई भी बड़ा बयान अभी तक नहीं आया है और यूएनएससी के आधे सदस्य प्रस्ताव के समर्थन में हैं। सूत्रों की मानें तो होल्ड का मतलब प्रस्ताव का ब्लॉक होना नहीं है। भारत अभी भी बहुत उम्मीदें हैं। सूत्रों की मानें तो भारत ने अपना संयम नहीं खोया है और उसे पूरा भरोसा है कि मसूद अजहर पर बैन जल्द लग सकेगा।
चीन को भी मालूम है पाकिस्तान की असलियत
चीन को पाकिस्तान के साथ कुछ मुद्दों का समाधान करना है। भारत के पास यूएनएससी के 14 सदस्यों का समर्थन है। चीन भी इस बात को मान रहा है कि आतंकवाद आज के दौर की बड़ी चुनौती है। उसे यह बात भी अच्छे से मालूम है कि आतंकी पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो चीन इस बात से भी वाकिफ है कि पाकिस्तान में ऐसे आतंकी संगठन हैं जो चीन के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसे में भारत को आशा है कि दिन चीन जरूर भारत के समर्थन में आएगा। यह भी पढ़ें-मसूद अजहर ने कहा बालाकोट में IAF के हमले में नहीं हुआ कोई नुकसान, सभी आतंकी सुरक्षित
फ्रांस ने मसूद अजहर की संपत्ति फ्रीज की
मसूद अजहर पर जारी तनातनी के बीच फ्रांस ने फैसला किया है कि वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर की देश में स्थित सभी प्रकार की संपत्तियों को फ्रीज करेगा। इसके साथ ही फ्रांस मसूद अजहर को यूरोपियन यूनियन की उस लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव पर चर्चा करेगा, जिसमें आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के नाम होते हैं।
27 फरवरी को आया था प्रस्ताव
चीन की ओर से अपने इस रुख का बचाव यह कहते हुए किया गया है कि उसे इस पूरे मामले में और गहनता से जांच करनी है। चीन की मानें तो वह भारत के साथ अच्छे संबंधों का इच्छुक है लेकिन साथ ही उसे पूरे मामले की गहनता से जांच करनी है। 26 फरवरी को बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स के हवाई हमले के बाद 27 फरवरी को फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से यूएनएससी में मसूद अजहर को नियम 1267 के तहत ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव पेश किया गया था।