एक फैसले से तमतमाया चीन, भारत से कहा- हमारे इंस्टीट्यूट के साथ हो सही बर्ताव
बीजिंग। भारत ने चीन के कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स और दूसरी भारतीय यूनिवर्सिटीज के साथ हुए इसके समझौतों का विस्तृत आकलन शुरू करने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ ही चीन तमतमा गया है। मंगलवार को भारत में चीनी दूतावास की तरफ से कहा गया है कि भारत-चीन उच्च शिक्षा के साथ सही और उद्देश्यपूर्ण बर्ताव हो। आपको बता दें कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स पर चिंता जताई है। दूतावास ने कहा है कि भारत किसी भी प्रकार से शिक्षा का राजनीतिकरण करने से बचे। दूतावास ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि चीन-भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का स्थिर विकास जारी रहेगा।
यह भी पढ़ें-टिकटॉक डील पर चीनी मीडिया-चोरी बर्दाश्त नहीं करेंगे
इंटेलीजेंस एजेंसियों का अलर्ट
चीनी दूतावास के मुताबिक पिछले कुछ सालों में ने भारत में चीनी भाषा की शिक्षा के साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे भारतीय शिक्षा समुदाय से मान्यता प्राप्त है। दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ रहे आर्थिक, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ, भारत में चीनी भाषा शिक्षण की मांग बढ़ रही है। कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट प्रोजेक्ट पर चीन-भारत सहयोग 10 सालों से अधिक समय से चला आ रहा है। पिछले दिनों इंटेलीजेंस एजेंसियों की तरफ से इन इंस्टीट्यूट्स को लेकर चिंता जताई गई थी। एजेंसियों का कहना है कि कई सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स जिनका चीनी संस्थान के साथ करार हुआ है उन्होंने केंद्र सरकार से बिना मौलिक मंजूरी के साथ ही करार कर लिया था।
कई
देश
हैं
कंफ्यूशियस
से
चिंतित
इंटेलीजेंस एजेंसियों की तरफ से अलर्ट भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को ध्यान में रखते हुए अलर्ट जारी किया गया था। इस टकराव को तीन माह होने को हैं और अभी तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। दुनिया के अलग-अलग देशों ने चीन की सरकार की तरफ से चलाए जा रहे कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट के गलत प्रयोग पर चिंता जाहिर की थी। इस इंस्टीट्यूट को चीन की सरकार की तरफ से ही आर्थिक मदद मिलती है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया है कि भारत कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट का आकलन कर राजनीति को बढ़ावा दे रहा है।