चीन की हामी: सिक्किम के नाथूला होते हुए कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जा सकेंगे तीर्थयात्री
चीन ने कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को सिक्किम के नाथूला पास का प्रयोग करने की अनुमति दे दी है। चीन की इस अनुमति के बाद तीर्थयात्री इस रास्ते के जरिए कैलाश-मानसरोवर जा सकेंगे। पिछले वर्ष जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद हुआ था तो इस रास्ते को बंद कर दिया गया था।
नई दिल्ली। चीन ने कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को सिक्किम के नाथूला पास का प्रयोग करने की अनुमति दे दी है। चीन की इस अनुमति के बाद तीर्थयात्री इस रास्ते के जरिए कैलाश-मानसरोवर जा सकेंगे। पिछले वर्ष जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद हुआ था तो इस रास्ते को बंद कर दिया गया था। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि साल 2017 में जब चीनी सरकार ने कुछ वजहों का हवाला देते हुए इस रास्ते से जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इस रास्ते से यात्री नहीं जा सके थे।
डोकलाम
के
बाद
बंद
था
रास्ता
पिछले
वर्ष
दोनों
देशों
के
बीच
हुई
मुलाकात
में
तीर्थयात्रियों
को
नाथूला
के
रास्ते
छूट
देने
का
मुद्दा
उठाया
गया
था।
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
ने
भी
पिछले
वर्ष
दिसंबर
में
चीनी
विदेश
मंत्री
के
साथ
हुई
मुलाकात
में
इस
मुद्दे
पर
चर्चा
की
थी।
इसके
बाद
चीनी
सरकार
ने
इस
वर्ष
तीर्थयात्रियों
को
इस
रास्ते
का
प्रयोग
करने
की
छूट
देने
के
अपने
फैसले
की
पुष्टि
की
है।
पिछले
वर्ष
चीन
ने
नाथूला
से
भारतीय
तीर्थयात्रियों
को
कैलाश-मानसरोवर
की
यात्रा
पर
जाने
की
अनुमति
नहीं
दी
थी।
चीन
और
भारत
की
सेनाएं
डोकलाम
विवाद
में
आमने-सामने
थी
जिसकी
वजह
से
करीब
72
दिनों
तक
तनाव
रहा
था
और
इसका
असर
इस
यात्रा
पर
भी
देखने
को
मिला
था।
चीन
के
इनकार
के
बाद
यात्री
उत्तराखंड
में
लिपुलेख
पास
के
जरिए
कैलाश-मानसरोवर
की
यात्रा
पर
गए
थे।
सिक्किम
में
सीमा
निर्धारण
अभी
नहीं
वीके
सिंह
ने
इस
बात
की
जानकारी
भी
संसद
को
दी
कि
सिक्किम
में
भारत
और
चीन
के
बीच
सीमा
को
अभी
रेखांकित
किया
जाना
है।
उन्होंने
बताया
कि
सीमा
निर्धारण
भारत
और
चीन
के
विशेष
प्रतिनिधियों
की
ओर
से
दिए
जाने
वाले
फैसले
के
तहत
किया
जाना
है।
ये
प्रतिनिधि
अभी
बातचीत
में
व्यस्त
हैं।
सिक्किम
में
सीमा
निर्धारण
पर
अभी
एक
सही,
तार्किक
और
आपसी
विश्वास
पर
एक
हल
आना
बाकी
है।