शाहीन बाग में बच्चों को 'मोदी को मार देंगे' जैसे नारे सिखाए जाते हैं: स्मृति ईरानी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें इसपर गर्व है, क्योंकि इससे पाकिस्तान जैसे देशों से आए उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिमों को शरण मिलेगी। उन्होंने कहा, 'ऐसे कई मामले हैं, जिनमें सिख और हिंदू लड़कियों का रेप किया जाता है और जबरन उस बलात्कारी से शादी करा दी जाती है। वे उस तरह के लोग हैं जो भारत में शरण चाहते हैं। मुझे गर्व है कि ये कानून उन्हें शरण देगा।'
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्मृति ईरानी ने शाहीन बाग मामले में भी अपनी राय व्यक्त की। जहां महिलाएं सीएए और संभावित एनआरसी के खिलाफ बीते करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विषाक्त वातावरण के कारण उन लोगों (शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी) से बात करना मुमकिन नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यहां बच्चों को सिखाए जा रहे तथाकथित नारों की भी आलोचना की।
ईरानी ने कहा, 'जब बच्चों को 'हम मोदी की हत्या कर देंगे' जैसे नारे लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, तो आप क्या कहेंगे? तब आप क्या कहेंगे जब लोग 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगाते हैं। आप उन्हें क्या कहेंगे जो ये कहते हैं कि हम 15 करोड़ हैं.....?'
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी क्यों अपने बच्चों को प्रदर्शन वाली जगह पर लेकर जाते हैं। मंत्री ने कहा कि यह बेवजह चौंकाने वाला था कि एक महिला ठंड में अपने चार महीने के बच्चे को प्रदर्शन वाली जगह पर लेकर गई, जिसके चलते नवजात की मौत हो गई। यह मानते हुए कि प्रदर्शनकारियों को विरोध करने का अधिकार है, ईरानी ने कांग्रेस के सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं पर शाहीन बाग में विभाजनकारी नारे लगाने का आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा, 'जब पंडितों को कश्मीर से बाहर होने के लिए मजबूर किया गया था, तो उन्होंने वही चिंता क्यों नहीं दिखाई?' इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के मामले में कहा था कि लोकतंत्र के अनुसार लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन लोगों को सड़क बंद करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया था, ताकि कोई रास्ता निकल पाए। लेकिन चौथे दिन भी यहां कोई बात नहीं बन पाई है।
शाहीन बाग में लोगों ने बीते साल 15 दिसंबर से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था। इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सीएए को पूरी तरह वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक यहां प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने करीब दो महीने से ही यहां की दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली मुख्य सड़क को भी बंद किया हुआ है। जिसके चलते हजारों लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा यहां आसपास स्थित फैक्ट्रियों और दुकानों का काम भी तभी से ठप पड़ा है।
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