मुख्य सचिव मारपीट मामला: केजरीवाल के दो करीबी बने सरकारी गवाह, बढ़ी मुश्किलें
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नई दिल्ली। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले ने दिल्ली पुलिस ने जिन लोगों को गवाह बनाया है उसमें अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी विभव कुमार और पॉलिटिकल सेक्रेटरी विवेक यादव का नाम शामिल हैं। इन दोनों के बयान केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी (नॉर्थ) हरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस मामले में दोनों ही शख्स खुद ही सरकारी गवाह बने हैं।
हरेंद्र सिंह ने कहा, 'हमने केस में 6 महीने तक जांच की, जिसके आधार पर सबूत एकत्र किए गए। जब हमने पर्याप्त सबूत एकत्र कर लिए, उसके बाद ये चार्जशीट फाइल की गई। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट नंबर 16 में इस मामले में सील कवर में 1533 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 11 विधायकों के नाम हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस केस में केजरीवाल के तत्कालीन एडवाइजर वीके जैन को मुख्य गवाह बनाया गया है। जांच में वीके जैन, विभव और विवेक यादव ने भी मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ बयान दिए हैं, जिसके चलते उन्हें आरोपी बनाया गया है। विभव कुमार अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी रहे हैं, जबकि वीके जैन मुख्यमंत्री के सलाहकार और विवेक यादव सभी विधायकों से कॉर्डिनेट करने की जिम्मेदारी संभालते रहे थे। तीनों करीबियों के बयान ही उनके खिलाफ आना केजरीवाल के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।
पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में लिखा गया है कि अंशु प्रकाश को साजिश के तहत रात को बुलाया गया था। जिसके बाद विधायकों द्वारा उनकी पिटाई कराई गई। इसके अलावा अफसरों पर आप के विज्ञापन के लिए बजट क्लियर करने का दबाव बनाया गया। इस मामले में पुलिस ने 20-25 लोगों से पूछताछ की है। जो उस रात सीएम आवास पर मौजूद थे।
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