अयोध्या विवाद पर फैसले से पहले CJI ने रद्द की अपनी सभी विदेश यात्रा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अपनी तमाम विदेश यात्राओं को रद्द कर दिया है। उन्हें कई आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए विदेश जाना था, लेकिन सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपनी सभी विदेश यात्राएं रद्द कर दी हैं। बता दें कि सीजेआई अयोध्या विवाद की सुनवाई करने वाली खंडपीठ की अध्यक्षता कर रहे है, जिसने बुधवार को इस मामले की सुनवाई को पूरा कर लिया और फैसले को सुरक्षित रख लिया है। सीजेआई 17 नवंबर को इस मामले का फैसला सुनाएंगे।
कई
देशों
के
दौरे
पर
जाना
था
बता
दें
कि
जस्टिस
रंजन
गोगोई
17
नवबर
को
सेवानिवृत्त
हो
जाएंगे।
रिटायर
होने
से
पहले
जस्टिस
गोगोई
दक्षिण
अमिरका
के
कुछ
देशों,
मध्य
पूर्व
और
कुछ
अन्य
देशों
की
यात्रा
पर
जाने
वाले
थे।
सूत्रों
की
मानें
तो
अयोध्या
विवाद
के
फैसले
को
अंतिम
रूप
देने
के
लिए
जस्टिस
गोगोई
ने
अपनी
सभी
प्रस्तावित
विदेश
यात्राओं
को
रद्द
कर
दिया
है।
गौरतलब
है
कि
जस्टिस
गोगोई
ने
वर्ष
2016
में
3
अक्टूबर
को
देश
के
46वें
मुख्य
न्यायाधीश
के
रूप
में
सपथ
ली
थी।
16
अक्टूबर
को
पूरी
हुई
सुनवाई
आपको
बता
दें
कि
अयोध्या
विवाद
की
सुनवाई
सुप्रीम
कोर्ट
की
पांच
जजों
की
संवैधानिक
बेंच
ने
की
है।
बुधवार
को
हिंदू
और
मुस्लिम
दोनों
ही
पक्षों
ने
इस
मामले
में
अपनी
दलीलें
पेश
की।
माना
जा
रहा
है
कि
इस
विवाद
का
फैसला
4
नवंबर
से
17
नवंबर
के
बीच
आ
सकता
है।
दरअसल
सीजेआई
17
नवंबर
को
रिटायर
होने
वाले
हैं,
लिहाजा
वह
अपने
रिटायर
होने
से
पहले
इस
विवाद
का
फैसला
दे
सकते
हैं।
जल्द
आ
सकता
है
फैसला
गौरतलब
है
कि
सुप्रीम
कोर्ट
में
ऐतिहासिक
रामजन्मभूमि-बाबरी
मस्जिद
विवाद
की
सुनवाई
पूरी
कर
ली
है।
बुधवार
को
इस
सुनवाई
का
40वां
और
अंतिम
दिन
था,
हिंदू
पक्ष
की
ओर
से
निर्मोही
अखाड़ा,
हिंदू
महासभा,
रामजन्मभूमि
न्यास
की
ओर
से
दलीलें
रखी
गईं
तो
वहीं
मुस्लिम
पक्ष
की
तरफ
से
राजीव
धवन
ने
अपनी
दलीलें
रखीं,
सुप्रीम
कोर्ट
ने
इस
मामले
में
अपना
फैसला
सुरक्षित
रख
लिया
है
और
लिखित
हलफनामा,
मोल्डिंग
ऑफ
रिलीफ
को
लिखित
में
जमा
करने
के
लिए
तीन
दिन
का
समय
दिया
है।