बजट से पहले चीफ जस्टिस बोबडे का बड़ा बयान, कहा- नागरिकों से अधिक टैक्स वसूलना अन्याय
नई दिल्ली। आम बजट पेश होने से एक हफ्ते पहले देश के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने बजट को लेकर अहम बयान दिया है। सीजेआई ने कहा कि, सरकार द्वारा नागरिकों पर अधिक या मनमाना टैक्स लगाना समाज के प्रति अन्याय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, टैक्स चोरी करना आर्थिक अपराध के साथ देश के बाकी नागरिकों के साथ सामाजिक अन्याय भी है। देश इस समय आर्थिक मंदी के चपेट में है। ऐसा माना जा रहा है सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है।
इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ( ITAT) के 79 वें स्थापना पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि नागरिकों से टैक्स उसी तरह वसूला जाए, जिस तरह मधुमक्खी फूलों को नुकसान पहुंचाए बिना रस निकालती है। उन्होंने कहा कि, टैक्स ज्यूडिशियरी देश में संसाधन जुटाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। करदाता को उचित और शीघ्र विवाद समाधान मिलना चाहिए ताकि वह प्रोत्साहित हो सके।
उन्होंने कहा कि, एक कुशल टैक्स न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वैध मूल्यांकन से उत्पन्न होने वाली मांग करने संबंधी मामले मुकदमेबाजी में ही ना फंसे रहें। उन्होंने लंबित केसों को लेकर चिंता भी चाहिर की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सीईएटीएटी में लंबित इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े केसों में दो साल में 61 फीसदी की कमी आई है।
इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया। बोबडे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट पेश करने जा रही हैं।
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