CJI दीपक मिश्रा ने जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर 7 महीने बाद तोड़ी चुप्पी, दी यह नसीहत
नई दिल्ली। 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में झंड़ारोहण किया। इसके बाद वहां मौजूद जजों, वकीलों और स्टाफ को संबोधित करते हुए उन्होंन सर्वोच्च न्यायालय के सीनियर जजो पर हमला बोला। सीजेआई ने सीनियर जजों को निजी महत्वाकांक्षाओं से परे उठने की नसीहत दी। सीजेआई ने चार जजों की ओर से 12 जनवरी को की गई प्रेस कांफ्रेंस पर करीब 7 महीने बाद चुप्पी तोड़ी।
सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि किसी भी संस्थान की आलोचना करना या नष्ट करने की कोशिश करना आसान है, जबकि संस्थान को आगे ले जाना और अपनी निजी आकांक्षाओं को परे रखकर संस्थान को आगे बढ़ाना मुश्किल काम है और वो हम करते रहेंगे। देश की न्यायिक व्यवस्था की रक्षा के लिए हमें निजी महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।इसके लिए सकारात्मक और ठोस सुधार पूरी जिम्मेदारी के साथ होने चाहिए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं कानून मंत्री की बातों से सहमत नहीं हू्ं, जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई लड़ी उन्होंने आपकी प्रशंसा के लिए ये नहीं किया। वो अपने देश और अधिकारों के लिए लड़े। चीफ जस्टिस ने कहा कि आज जश्न का मौका है इसलिए इसे मनाया जाए और तय किया जाए कि हम कभी न्याय की देवी की आंखों में आंसू नहीं आने देंगे।
बता दें कि सीजेआई दीपक मिश्रा इस महीने रिटायर होने वाले हैं। उनकी जगह देश का नया मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को बनाया जाना है।
Indian independence day: पीएम मोदी ने बताया क्यों वे बेसब्र, बेचैन और व्याकुल हैं?