CJI दीपक मिश्रा के लिए वकील ने कोर्ट में गाया ये गाना, चीफ जस्टिस ने ऐसे किया चुप
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सोमवार को अंतिम बार अदालत की कमान संभाली। उनके साथ भारत के अगले होने वाले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी थे। लेकिन जस्टिस दीपक मिश्रा ने उस समय एक वकील को रोक दिया जब वह गीत के जरिए उनके लंबे जीवन की कामना कर रहा था। चीफ जस्टिस ने कहा वकील को बीच में रोकते हुए कहा कि अभी वह दिल से बोल रहे हैं हालांकि शाम के वक्त वो दिमाग से जवाब देंगे।
दअसल यह वाकया उस समय हुआ जब 25 मिनट तक चली अदालत की कार्यवाही के दौरान सीजेआई भावुक नजर आए। कार्यवाही के अंत में एक 'वकील ने तुम जियो हजारों साल...' गाना शुरू कर दिया। तभी चीफ जस्टिस ने भी अपने अंदाज में वकील को रोकते हुए कहा कि वर्तमान में मैं अपने दिल से बोल रहा हूं, अपने दिमाग से मैं शाम के वक्त बोलूंगा'। बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर होंगे और उनकी जगह जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्टूबर को दीपक मिश्रा की जगह लेंगे। वहीं शाम को दीपम मिश्रा ने सोमवार शाम अपने विदाई भाषण में भी कई अहम बातें कही है।
I appreciate responsive wisdom of the youth, of which I'm a part. Today young lawyers are assets&they've potentiality to develop jurisprudence in new areas of legislation as law & jurisprudence cannot be static: Outgoing CJI Dipak Misra during his farewell address in #Delhi pic.twitter.com/aIgCJLWlzH
— ANI (@ANI) October 1, 2018
Delhi: Visuals from the farewell function of outgoing Chief Justice of India Dipak Misra. pic.twitter.com/51PD5BW1bp
— ANI (@ANI) October 1, 2018
कई
महत्वपूर्ण
फैसले
सुनाए
चीफ
जस्टिस
दीपम
मिश्रा
सुप्रीम
कोर्ट
का
मुख्य
न्यायाधीर
रहते
हुए
कई
अहम
मुद्दों
पर
फैसला
सुना
चुके
हैं।
केवल
सिंतबर
महीने
के
आखिरी
के
10
दिनों
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
आधार
की
अनिवार्यया,
समलैगिकता,
एडल्टरी
और
सबरीमला
मंदिर
में
महिलाओं
के
प्रवेश
जैसे
महत्वपूर्ण
मुद्दों
पर
फैसला
सुनाया
है।
सीजेआई
दीपक
मिश्रा
इन
सभी
मुद्दों
पर
फैसला
सुनाने
वाली
बेंचों
की
अध्यक्षता
की
थी।
जज
ते
तौर
पर
जस्टिस
दीपक
मिश्रा
का
सफर
भी
शानदार
रहा
है।
हाई
कोर्ट
से
लेकर
सुप्रीम
कोर्ट
तक
कई
अहम
मुद्दों
पर
बड़े
फैसले
सुनाए
हैं।
दीपक
मिश्रा
24
मई
2010
को
दिल्ली
हाई
कोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
बने
थे
इसके
बाद
10
अक्टूबर
2011
को
प्रमोट
होकर
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचे
थे
और
28
अगस्त
2017
को
उन्होंने
भारत
की
मुख्य
न्यायाधीश
के
तौर
शपथ
ली
थी।
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