खराब GDP आंकड़ों पर आर्थिक सलाहकार बोले- अगली तिमाही में बढ़ सकती है जीडीपी
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। शुक्रवार को सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में 6 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सामने आए आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि, हम दोबारा कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल अब भी मजबूत है। जीडीपी अगली तिमाही में बढ़ सकती है।
Recommended Video
जीडीपी आंकड़े आने से पहले आर्थिक सलाहकार सुब्रमण्यम ने कहा कि, पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान विकास चक्र वैसा नहीं रहा है, जैसा कि पहले था। हालांकि सुब्रमण्यम ने सरकार के फैसलों की सराहना की। उन्होंने बताया कि सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है। सुब्रमण्यम के मुताबिक कॉरपोरेट टैक्स की दर निवेश के लिए महत्वपूर्ण है। केवी सुब्रमण्यम ने कॉर्पोरेट टैक्स को लेकर कहा कि, निवेश के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कटौती महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि इसके पहले इंडिया रेटिंग्स, क्रिसिल समेत कई एजेंसियों ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया था। इन रेटिंग एजेंसियों का मानना था कि, सुस्त डिमांड, निवेश में कमी और लिक्विडिटी की दिक्कत के चलते आर्थिक सुस्ती और गहरा सकती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही। आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही।
लगातार गिरती GDP का भाजपा क्यों मना रही है जश्न, कांग्रेस प्रवक्ता ने यूं कसा तंज