राफेल के कागज चोरी होने की दलीलों पर चिदंबरम ने सरकार को घेरा, दिया ये तर्क
नई दिल्ली। राफेल का मुद्दा एक बार फिर गरमाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत को बताया था कि याचिकाकर्ता जिन दस्तावेजों का हवाला दे रहे हैं वे रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए थे। उन्होंने कोर्ट में ये भी कहा था कि जिन लोगों ने राफेल डील से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक किया वे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और कोर्ट की अवमानना के आरोपी हैं। सरकार की इन दलीलों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम का बयान आया है।
पी चिदंबरम ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया, 'हम राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों के प्रकाशन का पूरा समर्थन करते हैं। जिन चोरी किए गए कागज़ात को लेकर बहस हो रही है, उनका जवाब संविधान का आर्टिकल 19 देता है।' इसके बाद कांग्रेस नेता ने दूसरा ट्वीट किया, 'अमेरीकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेंटागन मामले में साल 1971 में दिया गया फैसला भी अटॉर्नी जनरल द्वारा दिए गए तर्कों का एक जवाब है कि मीडिया ऐसे दस्तावेज को प्रकाशित नहीं कर सकती है।'
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 7, 2019 '>
वहीं, इस पूरे मामले में अखबार 'द हिंदू' के एडिटर एन राम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि डील को लेकर केंद्र सरकार पुराने कानूनों की आड़ में बचने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने अपील की और कहा कि मीडिया के काम में किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। बता दें कि बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि मीडिया में डील को लेकर जो कुछ भी खबरें आ रही हैं, उसकी वजह है डॉक्यूमेंट्स का चोरी होना।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस बयान के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधन लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कागज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये है कि उन कागजों में सच्चाई है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस सरकार के शासन में रोजगार-किसानों के मुद्दे के साथ अब राफेल डील की फाइलें भी गायब हो गई हैं।