चिदंबरम बोले-हम शाहीन बाग नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ये भाजपा का जाल है
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर खुलकर बात की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने साफ किया कि, अगर राज्य एनपीआर लागू करने से इनकार कर दें तो इसे लागू नहीं किया जा सकेगा। जेएनयू में पी चिदंबरम ने शाहीन बाग को लेकर कहा कि हम शाहीन बाग नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ये भाजपा का जाल है। लेकिन, मैंने सीएए-एनआरसी के कई अन्य विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है।
सीनियर कांग्रेसी नेता चिदंबरम ने कहा पूरे बिल को पारित करने में सिर्फ 3 दिन लगे जबकि नेहरू, अम्बेडकर और पटेल को नागरिकता से जुड़ी धारा को अन्तिम रूप देने में 3 महीने लगे थे। चिदंबरम ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा हमलोग संविधान के बुनियाद को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं देता। चिदंबरम ने कहा धार्मिक आधार पर ही प्रताड़ना का जिक्र क्यों है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए अलग हैं लेकिन तीनो इंटरकनेक्टेड हैं। चिदंबरम ने कहा कि अअसम में एनआरसी के बाद 19 लाख लोगों का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी से बाहर रहने के बाद सरकार सीएए लेकर आई ताकि इनमें से 12 लाख हिंदुओं को नागरिकता दी जाए। मैंने जब संसद में पूछा कि किसी देश से बात हुई कि इन्हें कहां और कैसे भेजेंगे? तो अमित शाह ने कहा कि हम 2024 से पहले सबको भेज देंगे।
चिंदबरम ने यहां कहा कि इजरायल जैसे कई देश धर्म के आधार पर सिटिजनशिप दे रहे हैं, लेकिन भारत ऐसा नहीं कर सकता। हम अपने संविधान से अलग नहीं कर सकते। पड़ोसी देशों के बारे में उन्होंने कहा कि क्या हमारे सिर्फ तीन ही पड़ोसी देश हैं, नेपाल, चीन, म्यांमार, भूटान आदि के बारे में क्या? म्यांमार के रोहिंग्या और हिंदू के बारे में क्या होगा? चिदंबरम ने आरोप लगाया कि वे मुस्लिम बाहर करने की कोशिश करेंगे या डिटेंशन कैंप में डालने की कोशिश करेंगे तो उस समय एक बड़ा आन्दोलन होगा ताकि मुस्लिमों को बाहर ना किया जा सके और डिटेंशन कैंप में ना भेजा सके।
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