जी-20 देशों में भारत की इकोनॉमी सबसे खराब, चिदंबरम बोले-अब अटकलों की जगह नहीं
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार (3 सितंबर) को आईएमएफ के उस ग्राफ को साझा किया है जिसमें जी-20 देशों की कोरोना काल में अर्थव्यवस्था की स्थिति को दिखाया गया है। इस ग्राफ में भारत की स्थिति सबसे खराब दिखाई गई है। आईएमएफ ने भी गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थवस्था सबसे खराब दौर से गुजर रही है। वहीं ग्राफ शेयर पी चिदंबरम ने कहा कि, पहली तिमाही में भारत के जीडीपी संकुचन के बारे में 'अब और किसी भी अटकलों के लिए जगह नहीं है।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि, आईएमएफ ने इसे बाहर कर दिया है। इकनॉमी में अब अटकलों की कोई गुंजाइश नहीं है। हम अप्रैल-जून तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था हैं। पी चिदंबरम अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहे है। बता दें कि हाल में सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ो में भारत की जीडीपी का 23.6 फीसदी तक निगेटिव रहने की आशंका जताई गई थी।
वहीं आईएमएफ की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था जी-20 देशों में सबसे बुरी हालत में रह सकती है। उन्होंने कहा है कि दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर ऐतिहासिक कमजोरी देख सकती है। गीता गोपीनाथ ने इस बारे में एक ट्वीट कर कहा है कि 'चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जी-20 देशों की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का असर देखा जा रहा है।
गीता गोपीनाथन ने कहा कि जी-20 देशों की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ निगेटिव जोन में बनी रह सकती है। इस समूह में भारत की जीडीपी का 25.6 फीसदी तक निगेटिव रहने की आशंका है। अर्थशास्त्री गीता ने लिखा कि ये आंकड़े तिमाही दर तिमाही आधार के हैं, इनकी तुलना किसी साल से नहीं की जानी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि साल 2020 की तीसरी तिमाही में जी-20 देशों की जीडीपी में सुधार आने की उम्मीद है। वहीं, इस साल की पहली तिमाही में कमजोर रहने के बाद चीन की जीडीपी दूसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
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