चिदंबरम ने किया दावा, नोटबंदी की वजह से रघुराम राजन ने दिया RBI गवर्नर पद से इस्तीफा
जिस दिन रघुराम राजन ने अपना पद छोड़ा, उसी दिन भारतीय रिजर्व बैंक के एक शख्स ने केन्द्र सरकार को 5 पन्नों को एक पत्र लिखा था। उनका दावा है कि यह पत्र मोदी सरकार द्वारा की जा रही नोटबंदी के खिलाफ था।
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि रघुराम राजन के भारतीय रिजर्व बैंक छोड़ने की एक बड़ी वजह मोदी सरकार द्वारा लिया गया नोटबंदी का फैसला भी था। उन्होंने कहा है कि जिस दिन रघुराम राजन ने अपना पद छोड़ा, उसी दिन भारतीय रिजर्व बैंक के एक शख्स ने केन्द्र सरकार को 5 पन्नों को एक पत्र लिखा था। उनका दावा है कि यह पत्र मोदी सरकार द्वारा की जा रही नोटबंदी के खिलाफ था। पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगर मोदी सरकार में हिम्मत है तो उस पत्र को पब्लिक करें, ताकि लोगों को भी उस पत्र के बारे में पता चल सके।
चिदंबरम ने यह बात उनके द्वारा लिखी गई किताब 'फीयरलेस इन अपोजिशन, पावर एंड अकाउंटेबिलिटी' के लॉन्च समारोह में कही है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार पारदर्शी है तो इसे उस पत्र को सार्वजनिक करना चाहिए। यह पत्र भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से था। वह पत्र नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहा था और उसमें बताया गया था कि आखिर क्यों मोदी सरकार को नोटबंदी का फैसला लागू नहीं करना चाहिए। चिदंबरम ने साफ किया है कि रघुराम राजन के भारतीय रिजर्व बैंक के छोड़ने का एक अहम कारण यह भी था। ये भी पढ़ें- नोटबंदी की वजह से रोजगार खो देने वालों की मदद करेगी ममता सरकार
चिदंबरम ने कहा है कि मोदी सरकार ने रघुराम राजन का काम करना बहुत मुश्किल कर दिया था, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार के भारी दबाव के बीच उनके पास सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक को छोड़ने का ही विकल्प था। सरकार नोटबंदी का फैसला लेना चाहती थी, लेकिन रघुराम राजन सरकार के इस फैसले के परी तरह से खिलाफ थे।