चिदंबरम ने की गरीबों में फ्री राशन बांटने की मांग, बोले- सिर्फ संवेदनहीन सरकार नहीं करेगी मदद
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से पिछले करीब एक महीने से देश में लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा मजदूर और गरीब लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने जरूरतमंदों की मदद के लिए कई घोषणाएं की, लेकिन वो सभी नाकाफी साबित हो रही हैं। ऐसे में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही गरीबों के लिए फ्री राशन और कैश बांटने की मांग की है। चिदंबरम के मुताबिक इस मुश्किल घड़ी में सिर्फ संवेदनहीन सरकार ही कुछ नहीं करेगी।
Recommended Video
चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि इस बात के सबूत हैं कि देश में ज्यादातर लोगों के पास कैश की कमी है। ऐसे में उन्हें फ्री खाने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। सिर्फ एक संवेदनहीन सरकार ही इस मामले में मूक बनी रहेगी और कुछ नहीं करेगी। उन्होंने दूसरे ट्वीट में सरकार से पूछा कि आखिर क्यों मोदी सरकार गरीबों को कैश नहीं बांट रही और क्यों उन्हें भूखमरी से नहीं बचा रही है। उन्होंने कहा कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पास 7.7 करोड़ टन अनाज पड़ा है। ऐसे में क्यों सरकार उस राशन के एक छोटे से हिस्से को गरीबों और जरूरतमंदों में नहीं वितरित कर रही है। तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ये दोनों सवाल नैतिक और आर्थिक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों ही इसका जवाब देने में नाकाम रहे हैं।
There is overwhelming evidence that more and more people have run out of cash and are forced to stand in lines to collect free cooked food. Only a heartless government will stand by and do nothing.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 19, 2020
यह भी पढ़ें: लॉकडाउन के बीच कोरोना ड्यूटी छोड़ शराब की बोतलों संग फोटो खिंचवा रहे अधिकारी, सस्पेंड
कांग्रेस
ने
बनाया
एडवाइजरी
ग्रुप
कोरोना
वायरस
के
खिलाफ
लड़ाई
में
अब
मोदी
सरकार
को
कांग्रेस
पार्टी
का
भी
पूरा
साथ
मिला
है।
महामारी
के
चलते
लॉकडाउन
के
बीच
मंथन
करने
के
लिए
सोनिया
गांधी
ने
पहल
की
है,
उन्होंने
विभिन्न
मुद्दों
पर
पार्टी
के
विचारों
को
तैयार
करने
के
लिए
पूर्व
प्रधानमंत्री
डॉ.
मनमोहन
सिंह
की
अध्यक्षता
में
11
पार्टी
सदस्यों
के
एक
सलाहकार
समूह
का
गठन
किया
है।
इस
टीम
में
राहुल
गांधी
और
पी
चिदंबरम
को
भी
शामिल
किया
गया
है।
ऑल
इंडिया
कांग्रेस
कमेटी
के
जनरल
सेकेट्री
केसी
वेनुगोपाल
ने
एक
प्रेस
नोट
जारी
करते
हुए
कांग्रेस
के
इस
फैसले
की
जानकारी
दी
है।