छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, गरीबों को 20 लाख तक का मुफ्त इलाज
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में सरकार गरीबों को 20 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा देगी। शुक्रवार को सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि सिंहदेव ने बताया कि नई योजना में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल परिवार के साथ ही सभी प्राथमिक और अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। बाकी परिवारों को 50 हजार की सीमा तय की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम योजना में आयुष्मान योजना से चार गुना देंगे।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में 20 लाख तक का इलाज
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना में वे बीमारियां जो योजनांतर्गत शामिल नही है या हितग्राही का नाम सूची में नही है या नई योजना अंतर्गत बीमा कवर राशि इलाज हेतु पर्याप्त नही है, उन परिवारों के लिए वर्तमान में लागू संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें मुख्यमंत्री के अनुमोदन से प्रति परिवार 5 लाख रूपए से अधिकतम 20 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में राज्य में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली समस्त योजनाएं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, इस नई योजना में समाविष्ट हो जाएंगी। इस नई योजना में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल परिवार के साथ ही सभी प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को 5 लाख रूपए तक स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी एवं अन्य राशन कार्डधारी परिवारों को 50 हजार रूपए तक इलाज की सुविधा मिलेगी।
बघेल ने कही ये बात
योजना को लेकर छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, यह बताते हुए संतोष हो रहा है कि आज कैबिनेट ने 'मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना' शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत 20 लाख रुपए तक का इलाज किया जाएगा। यह प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से चार गुना अधिक है जिसमें सिर्फ 5 लाख तक का इलाज किया जाता है।
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