छत्तीसगढ़ में आज से MSP पर होगी धान की खरीद, 21 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की फसल बेच पाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस महाअभियान की घोषणा पहले ही कर दी थी कि 1 दिसंबर से सरकार MSP पर किसानों से धान की फसल खरीदेगी। इस घोषणा के बाद से MSP पर अपनी फसल बेचने के लिए राज्य के करीब 21 लाख से ज्यादा किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है। इस महाअभियान के लिए राज्य सरकार की सभी तैयारियां पूरी हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि धान की खरीद के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। सरकार ने इसके लिए 2305 ऐसे सेंटर बनाए हैं, जहां किसान से धान की खरीद की जाएगी। इसमें 257 नए सेंटर 2020 में बनाए गए हैं।
राज्य सरकार की नीतियों से फिर खेती में कर रहे हैं किसान
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 28 नवंबर को हुई कैबिनेट मीटिंग में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 जनवरी 2021 तक और मक्का की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 मई 2021 तक करने के निर्देश दिए गए थे। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खेती-किसानी छोड़ चुके 2 लाख से अधिक किसान खेतों की ओर लौटे हैं, जिससे खेती के रकबे में वृद्धि हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष की तुलना में 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इन्हें मिलाकर इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इन किसानों द्वारा बोये गए धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है। दो सालों में धान बेचने वाले किसानों का रकबा 19.36 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.68 लाख हेक्टेयर और किसानों की संख्या 12 लाख 6 हजार बढ़कर 18 लाख 38 हजार हो गई है। इस प्रकार देखा जाए तो रकबे में 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर तथा समर्थन मूल्य पर धान बेचेने वाले किसानों की संख्या में 6.32 लाख बढ़ोत्तरी हुई है।
धान की अवैध खरीद पर रोक के लिए सरकार उठाए सख्त कदम
छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध धान की खरीद पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने धान खरीदी के दौरान सीमावर्ती राज्यों से लाए जाने वाले धान पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इसकी जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है। सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने, चेक पोस्ट लगाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले 2 साल में राज्य में हुई धान की खरीद का ब्यौरा
साल 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर 56.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। दो सालों के दौरान धान खरीदी का यह आंकड़ा 83.94 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या और धान की रकबे को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन के लिए बारदाने की कमी के बावजूद भी सरकार इसके प्रबंध में जुटी है।