छत्तीसगढ़: टाटा स्टील्स के लिए ली गई जमीन आदिवासियों को वापस करेगी कांग्रेस सरकार
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार बस्तर में किसानों द्वारा 2005 में टाटा स्टील्स के लिए ली गई जमीन को वापस लौटाने का फैसला लिया है। इस जमीन को आदिवासियों से अधिग्रहीत किया गया था और टाटा स्टील्स को दिया गया था। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता संभालते ही बड़ा फैसला लिया और आदिवासियों की जमीन को वापस लौटाने का फैसला लिया है। इस बाबत राज्य सरकार ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की है, जिसमे कहा गया है कि मुख्यमंत्री बघेल ने संबंधित विभाग को निर्देश दिया है कि आदिवासियों की जमीन को वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाए और इस बाबत उचित कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही आदिवासियों की जमीन को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने घोषणा पत्र में आदिवासियों को वायदा किया था कि यह जमीन पिछले पांच साल से खाली पड़ी है और इसका कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है, लिहाजा उनकी जमीन को भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 के तहत वापस किया जाएगा। इस एक्ट में प्रावधान है कि अगर किसानों को सही मुआवजा नहीं मिला है तो उनकी जमीन को वापस किया जाएगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक एमओयू टाटा स्टील्स के साथ साइन किया था जिसमे यह वायदा किया था कि वह उसे टाटा स्टील्स प्लांट के लिए 19500 करोड़ रुपए में बस्तर के लोहंडिगुड़ा की जमीन देगी। जिसके बाद राज्य सरकार ने 2045 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया। जिसे अगस्त 2016 में टाटा स्टील्स ने इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया और लेकिन राज्य सरकार ने इस जमीन को किसानों को वापस नहीं किया।
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