NIA एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची छत्तीसगढ़ सरकार, कहा- पुलिस के अधिकारों में नहीं चाहिए दखल
रायपुर। इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकार क्षेत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हो। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय में ऐसी ही एक याचिका दाखिल की है जिसमें एनआईए को चुनौती दी गई है। ऐसा पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी याचिका दाखिल की हो इसस पहले भी राज्य सरकार इस मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है।
गौरतलब है कि एनआईए केंद्र सरकार को रिपोर्ट करती है वह आतंकवाद की घटना सहित अन्य गंभीर आपराधिक मामलों की जांच करती है। एक अधिसूचना जारी कर एनआईए के अधिकार क्षेत्र को निर्धारित किया गया था। एनआईए एक्ट से अब छत्तीसगढ़ राज्य को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि एनआईए पुलिस के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दे सकती है।
The plea says,'Provisions of the NIA Act leave no room for coordination & pre-condition of consent, in any form whatsoever, by Central Government from the State Government which clearly repudiates the idea of state sovereignty as envisaged under the Constitution of India' https://t.co/kE2AfoRXED
— ANI (@ANI) January 15, 2020
छत्तीसगढ़ सरकार ने याचिका के अलावा कोर्ट में एक पिटीशन भी दाखिल की है जिसमें कहा गया है कि एनआईए छत्तसगढ़ के किसी भी मामलों की जांच नहीं करेगा। बता दें कि एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा के मुताबिक देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राज्य सरकार ने एनआईए को कोर्ट में चुनौती दी हो। इससे पहले एनआईए को बिलासपुर हाईकोर्ट में भी चुनौती दी जा चुकी है। उस समय बस्तर निवासी झुमर क्यामी ने याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। दलील में कहा गया था कि राज्य के अंदर हुए अपराध की जांच राज्य पुलिस को करनी है ऐसे मामलों में केंद्र सरकार कैसे हस्तक्षेप कर सकती है।
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