लोकसभा चुनाव 2019: किंग-मेकर अजीत जोगी नहीं लड़ेंगे इलेक्शन, BSP के लिए छोड़ी सभी सीटें
नई दिल्ली। इस बार छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच होने वाला है क्योंकि, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (CJC) आगामी चुनावों में नहीं लड़े जा रही है। पार्टी ने सारी सीटें विधानसभा चुनावों में सहयोगी रही बहुजन समाज पार्टी के लिए छोड़ दी हैं। अजीत जोगी, जिन्होंने 2015 में कांग्रेस छोड़ कर अपनी पार्टी बनाई थी। वह छत्तीसगढ़ की राजनीति का पर्याय है क्योंकि 2000 में राज्य के निर्माण के बाद कोई भी चुनाव उसके बिना नहीं हुआ है।
लोकसभा चुनाव में उन्हें नहीं मिली थी जीत
कांग्रेस ने 2004 का लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा था, भले ही लोगों ने उन्हें तीन साल बाद दिसंबर 2003 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में वोट दिया था। 2009 में, जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने बिलासपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन 200,000 से अधिक मतों से हार गईं। पांच साल बाद, जोगी खुद महासमुंद सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन वह भी भाजपा के चंदू लाल साहू से 1,217 वोटों के अंतर से हार गए थे।
पिछले चुनाव में नहीं बन पाए किंग मेकर
जिसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले, जोगी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर राज्य में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अलावा खुद को तीसरे विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किया था। इस चुनाव में उन्हें किंग मेकर के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उनका गठबंधन केवल 7 सीटें ही जीत सका। वहीं कांग्रेस 90 सीटों में से 68 सीटें जीतने में सफल रही। लगातार 15 साल से सत्ता में रही बीजेपी सिर्फ 15 सीटें पर सिमट गई।
मेरा जनधार लोकसभा चुनावों के लिए नहीं है
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि, जोगी ने कांग्रेस की मदद की क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी अन्य पिछड़े वर्गों के लिए अधिक स्वीकार्य हो गई, जो राज्य की आबादी का लगभग 54% हिस्सा हैं, और जिन्होंने अतीत में भाजपा का समर्थन किया था। जोगी ने कहा कि उनके गठबंधन को लगभग 15% वोट शेयर मिला है, जो कि भविष्य के विधानसभा चुनावों के लिए "ठोस आधार" है, लेकिन लोकसभा चुनावों के लिए नहीं। मेरे पास लोकसभा (चुनाव) लड़ने के लिए संसाधन नहीं हैं। लोग मुझे कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं, लेकिन मैंने फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह भविष्य में एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत के रूप में अपनी पार्टी बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
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