18 साल का बालिग होने के बाद छत्तीसगढ़ ने ऐसे बदला इलेक्शन मूड
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतगणना का परिणाम जारी है। राजस्थान में कांग्रेस और तेलंगाना में टीआरएस ने शुरुआत से ही बढ़त बना रखी है। अभी तक जो रुझानों में जो सबसे चौंकाने वाली बात निकलकर सामने आई है, वह है- छत्तीसगढ़ के रुझान। यहां पर खबर लिखे जाने तक कांग्रेस 51 और भाजपा 25 सीटों पर आगे है। वर्ष 2000 में बना छत्तीसगढ़ अब 2018 में 18 साल का हो गया। मतलब बालिग होते ही छत्तीसगढ़ में जो नतीजे आते दिख रहे हैं, वह अपने आप में इतिहास को पलटने वाले हैं। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां पर हर बार-बार मुकाबला बेहद कांटे का रहता है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों- 2003, 2008 और 2013 में भाजपा को किस्मत के सहारे जीत मिलती गई, लेकिन ऐसा लग रहा है कि 15 साल बाद किस्मत ने पूर तरह भाजपा का साथ छोड़ दिया है। यहां न केवल कांग्रेस ने भाजपा पर दोगुनी सीटों की बढ़ बना ली है, बल्कि खुद सीएम रमन सिंह पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला से पीछे चल रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ कड़ा मुकाबला
2013 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा को पिछले चुनाव में 49 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस 39 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। 2013 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 42.3 प्रतिशत वोट मिला था, जबकि कांग्रेस को 41.6 प्रतिशत वोट प्राप्त करने में सफल रही थी। इस लिहाज से देखें तो दोनों ही दलों के बीच ज्यादा अंतर नहीं था।
2008 में रमन सिंह ने सबसे ज्यादा अंतर से प्राप्त की जीत
इसी प्रकार से 2008 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 43.3 प्रतिशत वोट के साथ 50 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस 38 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी और उसे 38.6 प्रतिशत वोट मिला था।
2003 में मामूली अंतर से हारी कांग्रेस
2003 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो भाजपा को 50 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत प्राप्त हुई थी। 2003 चुनाव में कांग्रेस को 36.7 प्रतिशत, जबकि भाजपा को 39.3 प्रतिशत वोट मिले थे। छत्तीसगढ़ के पिछले तीनों चुनावों में कांग्रेस को किस्मत का साथ नहीं मिला और वह मामूली अंतर से हारती रही, लेकिन इस बार कहानी पूरी तरह पलटती दिख रही है। कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सिर्फ आगे नहीं है बल्कि दोगुनी सीटों पर बढ़ बनाए हुए है। खबर लिखे जाने तक कांग्रेस ने 49 सीटों पर, भाजपा ने 26 सीटों बढ़ बनाए रखी।