भाजपा स्वास्थ्य मंत्री के करीबी फार्मा कंपनी की चूहे मार दवा ने ली 15 महिलाओं की जान
छत्तीसगढ़
के
दर्दनाक
नसबंदी
प्रकरण
में
15
महिलाओं
की
जान
सिप्रोसिन-500
में
मिली
चूहे
मार
दवाई
ने
ली
है।
शुक्रवार
को
उन
दवाईयों
का
परीक्षण
किया
गया।
जिनको
नसबंदी
के
दौरान
महिलाओं
को
दिया
गया
था।
अहम
है
कि
डाक्टरों
ने
जिस
महावर
फार्मा
से
दवाईयां
खरीदी
थीं,
उनका
परीक्षण
नहीं
किया
गया
था।
बिना
परीक्षण
ही
दवाईयां
महिलाओं
को
दी
गईं।
जानकारी
के
अनुसार
दवा
कंपनी
का
मालिक
भाजपा
के
स्वास्थ्य
मंत्री
अमर
अग्रवाल
का
करीबी
बताया
जा
रहा
है।
जिसके
चलते
स्वास्थ्य
विभाग
और
औषधि
विभाग
सवालों
के
घेरे
में
है।
महावर
फार्मा
ने
की
जानलेवा
दवाईयों
की
सप्लाई
यह
दवा
रायपुर
की
महावर
फार्मा
ने
बनाई
थी।
दवाई
में
केमिकल
जिंक
फास्फेट
की
मिलावट
का
खुलासा
हुआ।खुलासे
के
बाद
कंपनी
के
मालिक
रमेश
महावर
और
बेटे
सुमित
को
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
परिवार
कल्याण
विभाग
के
प्रमुख
सचिव
ने
बताया
कि
कंपनी
और
मरीजों
से
जब्त
गोलियों
की
प्रारंभिक
जांच
में
दवा
में
जिंक
फास्फेट
मिला।
आशंका
कंपनी
में
जिंक
फास्फेट
की
बोरी
मिलने
से
हुई,
क्योंकि
दोनों
के
पाउडर
का
रंग
एक
होता
है।
43.5
लाख
की
दवाएं
सीज
राज्यभर
में
छापेमारी
में
इस
कंपनी
की
43.5
लाख
टैबलेट
सीज
की
गईं।
इनमें
सिप्रोसिन-500
की
2
लाख
टैबलेट
हैं,
जो
महिलाओं
को
दी
गई
थी।
हालांकि,
अधिकारिक
पुष्टि
दिल्ली,
कोलकाता
व
चेन्नई
लैब
से
जांच
रिपोर्ट
आने
के
बाद
ही
होगी।
कंपनी
की
सभी
दवाओं
पर
रोक
लगा
दी
गई
है।
सीएमएचओ
डॉ.
आरके
भांगे
और
गिरफ्तार
डॉ.
आरके
गुप्ता
को
दोषी
बताया।
कहा,
सीएमएचओ
ने
बिना
जांच
इन
दवाओं
की
खरीदी
की
और
डॉ.
गुप्ता
ने
गड़बड़ी
को
नजरअंदाज
कर
ऑपरेशन
किया।
बिना
लाइसेंस
दवा
बना
रही
थी
महावर
फार्मा
नसबंदी
प्रकरण
में
चूहे
मार
दवाई
के
खुलासे
के
बाद
लापरवाही
के
सिरे
जुड़ते
ही
जा
रहे
हैं।
जिस
पर
तमाम
सवाल
खडे़
हो
रहे
हैं।
पहला
सवाल
यह
कि
सबसे
पहले
महावर
फार्मा
को
एक
साल
पहले
अच्छी
दवा
निर्माता
कंपनी
का
सर्टिफिकेट
किस
आधार
पर
दिया
गया।
दूसरा
इसी
साल
दवा
कंपनी
को
गुड
मैन्यूफैक्चरिंग
का
प्रमाण
पत्र
किसने
दिया।
कंपनी
बिना
लाइसेंस
दवा
बना
रही
थी।
सरकार
की
तरफ
से
एक
बार
भी
अमानक
दवाओं
के
सबंध
में
छापेमारी
नहीं
की
गई।
इतना
ही
नहीं
अमानक
दवाएं
बना
रही
कंपनी
के
संबंध
में
स्वास्थ्य,
खाद्य
और
औषिधि
प्रशासन
ने
कदम
क्यों
नहीं
उठाया।
भाजपा
से
जुड़ाव
सूत्रों
के
अनुसार
महावर
कंपनी
के
मालिक
रमेश
महावर
की
भाजपा
में
गहरी
पैठ
बताई
जा
रही
है।
रमेश
महावर
और
उनके
बेटे
सुमित
महावर
के
स्वास्थ्य
मंत्री
अमर
अग्रवाल
के
घरेलू
सबंध
हैं।
अमर
अग्रवाल
भाजपा
सांसद
के
चुनाव
संचालक
भी
रह
चुके
हैं।