छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा, भारत में कोरोना फैलने से नहीं रोक पाया केंद्र
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर कोरोना को रोकने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हम राहुल गांधी की सलाह पर मार्च के पहले हफ्ते में ही सतर्क हो गए थे। यही वजह है कि हम महामारी को रोकने में सफल रहे। सबसे पहले 13 मार्च को हमने शिक्षा संस्थानों, मॉल, टॉकीज, मंत्रालयों को बंद किया था। राहुल गांधी के निर्देशानुसार "रेंडम सैंपल" लेने के लिए भी आदेश दे दिया गया है और बहुत जल्दी इस पर काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, 'कोरोना को भारत में घुसने से रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की थी। अगर सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को क्वारंटाइन में रखा जाता, तो कोरोना को रोका जा सकता था। मैंने इस पर मार्च के पहले सप्ताह में राहुल गांधी की सलाह पर काम किया। 15 मार्च को पहला टेस्ट हुआ और 18 मार्च को पहला पॉजिटिव केस हमें मिला। उसी दिन पूरे प्रदेश में हमने धारा 144 लागू कर दी थी और 21 मार्च को हमने पूरे प्रदेश में लॉकडाउन कर दिया था। हमें 3 और केस मिले और केस हिस्ट्री में हमें पता चला कि इसमें यूके से यात्रा करके लौटने वाले लोग थे। विदेश से यात्रा करके लौटने वाले लोगों की संख्या लगभग 2100 थी। हमने इन सबको तत्काल क्वारंटाइन में रखा।'
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, 'अभी छत्तीसगढ़ में लगभग 76,000 लोग होम क्वारंटाइन में हैं और उनकी समुचित मॉनिटरिंग की जा रही है। हमने राज्य की सीमा को पूरी तरह सील कर दिया और उसके बाद जिलों की सीमाएं बंद कीं। ये जागरूकता गांवों तक भी पहुंची और लोगों ने अपने गांवों की सीमाएं स्वतः बंद कर दीं। गांव से बाहर रहने वाले लोगों को गांव में वापस आने पर क्वारंटाइन में रखा गया। कुल मिलाकर ग्रामीण क्षेत्र में भी हमें बेहतर सफलता मिली है। हमने सब्जियों के दाम पर नियंत्रण करने की रणनीति पर काम किया। सब्जी मार्किट को शुरू कराया; बाड़ी में सब्जी तोड़ने की व्यवस्था कराई और ट्रांसपोर्ट शुरू करवाया। इससे सब्जियों के दाम में 50 फीसदी की कमी आई।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में लगभग 65 लाख राशन कार्ड हैं, जिसमें लगभग 56 लाख BPL हैं। उनको हमने 2 महीने का मुफ्त राशन देने का फैसला किया। सबको 70 किलो चावल दिया और कल तक लगभग 40 लाख परिवारों तक चावल पहुंच चुका है। गांव में कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है। उनके लिए हमने पंचायत स्तर पर 2 क्विंटल चावल रखवाए। शहरी क्षेत्र में मजदूरों को एक महीने के वेतन, रहने, भोजन के लिए उद्योगपतियों से बात की। इससे 39 लाख मजदूरों को लाभ मिला। दूसरे प्रदेशों के लगभग 10,000 मजदूरों के भोजन और रहने की व्यवस्था हम लगातार कर रहे हैं। दो महीने के बिजली बिल की हमने छूट दी, ताकि भीड़ से बचा जा सके। '
स्कूली छात्रों के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा, '8वीं-9वीं और11वीं के बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया। आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए घर पर मील पहुंचाया। समाजसेवी संगठनों ने भी इसमें काफी सहयोग किया है। प्रतिदिन लगभग 2.5 लाख लोगों को ये भोजन करवा रहे हैं। साथ ही, सूखा राशन भी ये लोग उपलब्ध करवा रहे हैं। निम्न-मध्य आय वर्ग के लोग भी इसमें मदद करना चाह रहे हैं। इसके लिए हमने "डोनेशन ऑन व्हील" शुरू किया। रायपुर में 6 गाड़ियों से शुरुआत की और दो दिन में करीब 2500 लोगों ने 17000 पैकेट दान किए।'