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Chhath Pooja: नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व शुरू, सीएम नीतीश कुमार ने दी देशवासियों को बधाई

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नई दिल्ली। लोक आस्था का महापर्व 'छठ' नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया है, लोगों में इस पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी की तिथि तक भगवान सूर्यदेव की अटल आस्था का पर्व छठ पूजा मनाया जाता है। नहाय-खाय के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत होती है, चार दिन तक चलने वाले इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है।

सीएम नीतीश कुमार ने देशवासियों को दी बधाई

सीएम नीतीश कुमार ने देशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के इस पर्व पर राज्य और देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का त्योहार है। इसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदयीमान सूर्य को अर्घ देते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द्र के लिए प्रार्थना की है।

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सूर्य की आराधना का पर्व है छठ

सूर्य की आराधना का पर्व है छठ

आपको बता दें कि छठ पर्व मूलत: सूर्य की आराधना का पर्व है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। हिंदू धर्म के देवताओं की सूची में सूर्य ही एक मात्र देवता है जिन्हें मूर्त रूप में देखा जा सकता है। बाकी सभी देवताओं को कल्पना के आधार पर आकार दिया गया है।

सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की

सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की

ऐसी मान्यता है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की और इसके बाद से यह पर्व आज तक मनाया जा रहा है। वैसे कुछ कथाओं में पांडवों की पत्नी द्रोपदी द्वारा सूर्य की पूजा करने की बात का भी वर्णन है।

ये है कार्यक्रम

ये है कार्यक्रम

आज नहाय-खाय है ,इस दौरान चावल, चने की दाल व लौकी की सब्जी ग्रहण किया जाता है खरना सोमवार को है। इस दिन गुड़ व चावल की विशेष खीर बनाई जाती है।तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य और चौथे दिन उदय होते ही सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही पर्व का समापन हो जाता है।

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English summary
Chhath begins with 'nahay-khay' Today, here is Importance and Puja Vidhi of this big pooja, chief minister congratulated the chhath.
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