क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

विरोध छपाक का नहीं, एसिड का होना चाहिए क्योंकि ये सच जान कर आपका उड़ जाएगा होश

Chhapak: Despite the Supreme Court order, acid is being Sold openly, 1500 acid attacks in 5 yearsविरोध छपाक का नहीं, एसिड का होना चाहिए क्योंकि ये सच जान कर उड़ जाएंगे होश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद खुलेआम बिक रहा एसिड, 5 साल में 1500 एसिड अटैक हो चुके है।

Google Oneindia News

बेंगलुरु। छपाक फिल्म की कहानी लक्ष्‍मी की है। जो एसिड अटैक सरवाइवर है और इस घटना के बावजूद अपनी जिंदगी की जंग को पूरी ताकत और हिम्मत के साथ लड़ रही है। इस फिल्‍म में लक्ष्‍मी के किरदार का नाम मालती है जिसको दीपिका पादुकोण ने निभाया है। यह फिल्म मालती के संघर्ष और इच्छाशक्ति की ओर इशारा करती है। इस फिल्म के रिलीज से पहले दीपिका पादुकोण का जेएनयू में छात्रों के बीच जाने के बवाल मच गया था। भले ही जेएनयू जाना दीपिका पादुकोण का पब्लिसिटी स्टंट हो, लेकिन उन्होंने फिल्म छपाक के अंदर एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का जो रोल अदा किया है, वह देश की एक भयावह हकीकत को बयां करता है।

chapak

बता दें 2005 में लक्ष्‍मी अग्रवाल पर एसिड अटैक हुआ था। इस केस के बाद लक्ष्‍मी ने जो भुगता वह सुनकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए। लक्ष्‍मी ने इस एसिड अटैक में मिले भयावह जख्‍मों से थोड़ा संभलने के बाद एसिड की बिक्री पर बैन लगाने की लंबी लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई में लक्ष्‍मी की जीत भी हुई और सुप्रीम कोर्ट ने इसकी बिक्री पर बैन लगा दिया। इस बैन के बावजूद देश भर में एसिड धड़ल्ले से बिक रहा है। यही कारण है कि एसिड अटैक की घटनाएं लगातार हो रही हैं। दर्द क्या होता है, कैसा होता है और कब तक सहना होता है, वो एसिड अटैक विक्टिम के अलावा कौन बता सकता है। जीवन भर का दर्द लिए ये लड़कियां हर पल खुद को संभालने की कोशिश करती रहती हैं। आइए जानते है देश में एसिड अटैक से जुड़ा यह भयावह सच....

पिछले पांच सालों में 1483 महिलाओं पर हुआ एसिड अटैक

पिछले पांच सालों में 1483 महिलाओं पर हुआ एसिड अटैक

हाल ही में हुए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि 2014-2018 के बीच में देश में कुल 1483 महिलाओं पर एसिड अटैक हुआ। यानी हर 5 में से 4 दिन ये हमला हुआ हैं। बता दें 2014-2018 की बात करें तो 2017 में सबसे अधिक एसिड अटैक हुए। इस साल 309 ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें कुल 319 लड़कियां घायल हुईं। 2017 और 2018 में कुल 596 एसिड अटैक के मामले रिपोर्ट किए गए थे, जिनमें कुल 623 लड़कियां घायल हुईं, लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि दोनों साल में औसतन सिर्फ 149-149 मामलों में चार्जशीट दायर की गयी। मात्र आधी घटनाओं में ही चार्जशीट दाखिल हुई। सबसे कम केस 2014 में रिपोर्ट हुए थे, जिनकी संख्या 244 थी, लेकिन इनमें से 201 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई थी। यानी सबसे बड़ी दिक्कत तो इंसाफ दिलाने वाली व्यवस्था के साथ भी है। पहले तो बहुत से मामले रिपोर्ट नहीं होते, रिपोर्ट होते हैं तो उनमें बहुत से मामलों में चार्जशीट दाखिल नहीं होती, जिनमें चार्जशीट हो भी गई, तो भी ये गारंटी नहीं होती कि कोर्ट से उन्हें सजा मिलेगी ही।

आपके इस विरोध से बच सकती है कई लक्ष्‍मी अग्रवाल

आपके इस विरोध से बच सकती है कई लक्ष्‍मी अग्रवाल

बेशक ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं, लेकिन छपाक का विरोध करने वालों को इसकी गंभीरता शायद नहीं दिख रही है। इतने गंभीर विषय पर बनी फिल्‍म पर राजनीति करने के बजाय समाज को एसिड अटैक का विरोध करना चाहिए। हमें इस बात को उठाना चाहिए कि एसिड अटैक करने वालों को सख्‍त सजा क्यों नहीं मिल रही हैं? विरोध करने वालों को प्रदेश सरकारों से यह प्रश्‍न करना चाहिए कि क्यों खुलेआम एसिड का बिकना पूरी तरह से रुका नहीं है? हमें विरोध एसिड की बिक्री के खिलाफ करना चाहिए। ताकि जो कुछ लक्ष्मी ने झेला है, वह किसी और को ना झेलना पड़े। विरोध के बाद चंद लोग छपाक फिल्म नहीं देखेंगे तो ना तो फिल्म फ्लॉप होगी, ना ही दीपिका, लेकिन अगर अब भी एसिड की बिक्री का विरोध नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में लक्ष्मी जैसी और न जाने कितनी लड़कियों को यह दर्द झेलना पड़ सकता हैं।

सरकारी फरमान का नहीं हुआ कोई असर

सरकारी फरमान का नहीं हुआ कोई असर

ऐसिड अटैक पीड़ित लक्ष्मी की याचिका के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट भले ही ये फैसला के बाद राज्य सरकार ने एसिड की बिक्री को रेग्यूलेट किया जाने की बात कही थी। बता दें बिना लाइसेंस के तेजाब नहीं बेचा जा सकता है और बेचने की स्थिति में भी ग्राहक के आधार कार्ड की फोटो कॉपी जमा करनी होती है। इसके बावजूद एसिड फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा है। एसिड अटैक विक्टिम ने हिम्मत कर याचिका लगाई तो ये नियम बना दिया गया कि एसिड की बिक्री रैग्यूलेट होगी। पर एसिड की खुले आम बिक्री पर लगाम कसने के लिए सरकार को और कितनी एसिड अटैक विक्टिम की याचिकाएं चाहिए? गौरतलब है कि दिल्ली समेत अन्‍य राज्य की बाजारों में एसिड 'टॉयलेट क्लीनर' के तौर पर गली गली बिकता दिख रहा है। ये एसिड बेचने वाले लोग उन रजिस्टर्ड डीलरों से अलग हैं जिनका रिकॉर्ड प्रशासन के पास है। ये लोग डीलरों से हार्ड एसिड खरीदते हैं और उसमें अपने हिसाब से पानी मिला कर घर-घर बेचते हैं। इन लोगों से किसी तरह का पहचान पत्र ब्यौरे के तौर पर नहीं लिया जाता। कोई चाहे तो मनचाहे पैसा देकर इनसे हार्ड एसिड भी खरीद सकता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार पॉइज़न एक्ट 119 में टॉयलेट क्लीनर को भी शामिल किया जाता है, उसे भी रेग्युलेट करके ही बिकना चाहिए।

 एसिड विक्टिम के जख्‍मों पर सरकारी यूं लगा रही मरहम

एसिड विक्टिम के जख्‍मों पर सरकारी यूं लगा रही मरहम

गौरतलब है कि एसिड विक्टिम के जख्मों पर दिल्ली सरकार ने भी यही मरहम लगाते हुए 6 एसिड अटैक विक्टिम को सरकारी नौकरी देने जा रही है। केजरीवाल सरकार ने अगले तीन महीनों में ऐसी ही 35 लड़कियों को नौकरी देने का वादा भी किया है। वहीं दिल्ली महिला आयोग ने एसिड अटैक पीडितों के लिए एक और राहत भी दी है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को पीडितों का मुफ्त इलाज करने के निर्देश दिए हैं।

सरकार को करना चाहिए ये प्रयास

सरकार को करना चाहिए ये प्रयास

दिपिका पादुकोण की छपाक फिल्म आने से एसिड अटैकर्स पर भले ही राजनीतिक फायदे के लिए ध्‍यान तो आकर्षित किया है लेकिन सभी प्रयास अटैक के बाद एसिड सरवाइर के जख्‍मों पर मरहम लगाने के लिए हैं। ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ति न हो इसके लिए सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है। एसिड का मुद्दा न तो जातिगत राजनीति से जुड़ा है और न ही किसी धर्म से जुड़ा है। तो सरकार इस पर क्यों नहीं गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार अगर इस गंभीरता से सोचे तो देश की किसी भी लड़की को यह दर्द नहीं झेलना पड़ेगा।

Comments
English summary
Chhapak: Despite the Supreme Court order, acid is being Sold openly, 1500 acid attacks in 5 years
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X