चेतन भगत का तंज- आत्मनिर्भर के नाम पर घटिया प्रोडक्ट खरीदने को मजबूर नहीं कर सकती सरकार
नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। अपने पूरे भाषण में पीएम मोदी ने एक बात का कई बार जिक्र किया, जो था आत्मनिर्भर। पीएम मोदी के मुताबिक हमें देश में बनी चीजों को खरीदना चाहिए, ताकी आर्थिक मंदी के इस मुश्किल दौर से भारतीय उद्योगों को उबारा जा सके। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर वाले बयान पर अब मशहूर लेखक चेतन भगत ने तंज कसा है।
चेतन भगत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आत्मनिर्भर होने का ये मतलब नहीं है कि लोगों को घटिया उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जाए। आत्मनिर्भर का मतलब ये होना चाहिए कि लोकल उत्पादों को इतना बेहतर बनाया जाए कि लोग दूसरे उत्पादों को भूलकर उसे खरीदने को मजबूर हो जाएं। ये कोई पहला मौका नहीं है, चेतन भगत इससे पहले भी सरकार के फैसलों पर तंज कस चुके हैं।
लॉकडाउन बढ़ने के ऐलान के बाद चेतन भगत का ट्वीट हुआ वायरल, जमकर कमेंट कर रहे हैं लोग
लॉकडाउन-2
पर
भी
किया
था
ट्वीट
कोरोना
के
संक्रमण
को
रोकने
के
लिए
14
अप्रैल
तक
पहले
चरण
का
लॉकडाउन
लागू
किया
गया
था।
जिस
वजह
से
बड़ी
संख्या
में
लोग
दूसरे
राज्यों
में
फंस
गए
थे।
लोगों
को
उम्मीद
थी
कि
15
अप्रैल
से
लॉकडाउन
हट
जाएगा
और
वो
घर
जा
पाएंगे,
लेकिन
ऐसा
नहीं
हुआ।
पीएम
मोदी
ने
तीन
मई
तक
लॉकडाउन-2
लागू
कर
दिया।
जिस
पर
ट्वीट
करते
हुए
चेतन
भगत
ने
लिखा
कि
'हेलो,
किधर
चले
भाई?
चलो
चलो,
गाड़ी
अंदर,
हैंगर
में।
अच्छा।"
उनके
इस
ट्वीट
ने
सोशल
मीडिया
पर
खूब
सुर्खियां
बटोरी
थी।