पटाखों पर बैन चेतन भगत का सवाल, क्या बकरीद पर कुर्बानी और मोहर्रम में खून-खराबे पर प्रतिबंध लगेगा?
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से आज दीवाली के मौके पर दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई है उसके बाद लेखक चेतन भगत ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चेतन भगत ने ट्वीट करके लिखा है कि आज अपने ही देश में उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी छीन ली, हैप्पी दीवाली मेरे दोस्त। उन्होंने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के पटाखों पर रोक लगा दी, बिना पटाखों के बच्चों के लिए दीवाली का क्या महत्व। क्या मैं पटाखों पर प्रतिबंध पर सवाल पूछ सकता हूं, आखिर क्यों सिर्फ हिंदू त्योहारों को निशाना बनाया जाता है, क्या बकरियों की कुर्बानी औ मोहर्रम में खून खराबे पर भी रोक लगेगी।
दीवाली पर ही क्यों बैन
चेतन भगत ने लिखा कि पटाखों पर दीवाली के दिन प्रतिबंध ऐसा है जैसे क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री पर पाबंदी, बकरीद पर बकरे की कुर्बानी पर पाबंदी। कृपया बैन नहीं लगाएं, लोगों की परंपराओं का सम्मान करें। चेतन भगत के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनको आड़े हाथों लिया।
ट्विटर पर भिड़े
प्रियंका ने उनसे पूछा कि क्या आपको पता है कि पटाखों के प्रदूषण से कितनी बीमारी होती है तो चेतन ने जवाब देते हुए कहा कि यह त्योहार वर्ष में एक बार आता है, यह हमारा सबसे बड़ा त्योहार है, उबर ने किसी भी बैन से इतर सबसे अधिक प्रदूषण को बचाया है, बेहतर हो कि हम अच्छे विकल्प लेकर सामने आएं, बैन कतई समाधान नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या प्रदूषण सिर्फ एक दिन की दीवाली से आती है या फिर हर रोज हो रहे प्रदूषण पर रोक नहीं लगाने की वजह से हो रहा है।
कांग्रेस नेता भिड़े
कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने चेतन पर निशाना साधते हुए लिखा कि क्या भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तो लोग चाइनीज पटाखे जलाते थे, शहजाद के इस ट्वीट पर चेतन ने उन्हें अपने शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन दोनों के बीच नोंकझोंक यही नहीं रुकी। शहजाद ने कहा कि दीवाली एक बेहतर समय है जब आप अपने पैसो को जला दें बजाए इसके कि आप चेतन भगत की किताबें खरीदे। जिसपर जवाब देते हुए भगत ने कहा कि जब लोग आपसे तर्क नहीं कर पाते हैं तो इस तरह की बातें करते हैं, और यही आपकी जीत है, हमेशा सकारात्मक रहें।
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