चेन्नई: टीटीवी दिनाकरन ने आरके नगर से विधायक के तौर पर शपथ ली
आरके नगर विधानसभा सीट पर हार के बाद एआईएडीएमके के वर्तमान नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं।
नई दिल्ली। तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने के बाद टीटीवी दिनाकरन ने विधायक के तौर पर शपथ ले ली है। शपथ लेने के बाद टीटीवी दिनाकरन ने कहा 'एआईएडीएमके में 5 से 6 लोग अपने स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं। मै उनको चेतावनी देता हूं, सुधर जाए वर्ना उनका भी वहीं हाल होगा जो आरके नगर विधानसभा सीट पर लड़े उम्मीदवारों का हुआ'। बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु की बहुचर्चित विधानसभा सीट राधाकृष्णन नगर (आरके नगर) पर हुए उपचुनाव में शशिकला के भतीजे और निर्दलीय उम्मीदवार टीटीवी दिनकरन ने शानदार जीत हासिल की है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की पारंपरिक सीट होने के कारण इस सीट पर जीत के कई मायने हैं।
आरके नगर विधानसभा सीट पर हार के बाद एआईएडीएमके के वर्तमान नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं सत्तारूढ़ पार्टी ने दिनकरन के समर्थक कई नेताओं को उनके पद से हटाया भी है। हालांकि मुख्य विपक्ष डीएमके ने आरोप लगाया था कि यह जीत पैसे की जीत है।
दिनाकरण पलानिसामी सरकार को गिराने की जुगत में तब से हैं जब से मुख्यमंत्री ईपीएस ने उनकी बुआ शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले ओपीएस से हाथ मिलाया और इसके बाद बुआ-भतीजे सहित उनके परिवार के हर सदस्य को एआईएडीएमके से बेदख़ल कर दिया। अपना मंसूबा पूरा करने के लिए दिनाकरण ने अपने समर्थक करीब 18-20 विधायकों से पलानिसामी सरकार के ख़िलाफ़ बग़ावत भी कराई। लेकिन कुछ ही दिनों में इनमें से दो-एक विधायक ईपीएस सरकार के पक्ष में वापस लौट आए। जो 18 बच रहे उनकी विधायकी छीन ली गई। इन विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द किए जाने को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामला लंबित है। अब बतौर निर्दलीय विधायक दिनाकरण भी सदन में पहुंच रहे हैं। वह भी जयललिता की सीट से जीत कर। जाहिर तौर पर वे अपनी इस हैसियत का इस्तेमाल एआईएडीएमके के कुछ और विधायकों को अपनी तरफ़ खींचने के लिए करेंगे ही। दूसरी तरफ़ यह भी जाहिर सी बात है कि शशिकला-दिनाकरण के समर्थक एआईएडीएमके में अब भी मौजूद हैं। इसका संकेत खुद पलानिसामी सरकार के मंत्री ही दे चुके हैं। ऐसे में दिनाकरण के लिए आंकड़ों का पलड़ा अपनी तरफ़ झुकाने में शायद ही कोई बड़ी मुश्किल आए। सदन की कुल सदस्य संख्या विधानसभा अध्यक्ष को मिलाकर 235 है। सरकार बनाने या बचाए रखने के लिए सत्ता संभालने वाले लोगों को कम से 118 विधायकों की जरूरत है।
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