CAA-NRC के विरोध में लाखो कि संख्या में लोगो ने तमिलनाडु विधानसभा का किया घेराव
चेन्नई। नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के विरोध में बुधवार को चेन्नई में राज्य सचिवालय रोड पर भीड़ उमड़ पड़ी। यह प्रदर्शन कोर्ट के उस फैसले के अगले दिन हो रहा है, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट ने मुस्लिम संगठनों की मांग पर रोक लगा दी थी, जिसमें वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा का घेराव करना चाहते थे।
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बताया जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोग चेन्नई के वालाजाह रोड पर भारी संख्या में इकट्ठा हो चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेपक में एक अस्थायी मंच बनाया है, जहां तमिलनाडु विधानसभा स्थित है। चेपक से सचिवालय की ओर जाने वाली सड़क को बैरिकेड्स की मदद से बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान कलईवनार आरंगम स्टेडियम से चेपक तक 200 मीटर की पैदल यात्रा की।
बता दें कि न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण और न्यायमूर्ति आर हेमलता की पीठ ने 'फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु इस्लामिक एंड पॉलिटिकल आर्गेनाइजेशन' और इससे संबद्ध संगठनों को बुधवार से प्रस्तावित प्रदर्शन पर 11 मार्च तक के लिए अंतरिम रोक लगा दी है।
इससे पहले तमिलनाडु में विपक्षी डीएमके ने विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने उसे इसकी इजाजत नहीं दी। तमिलनाडु में राजधानी चेन्नई सहित कई दूसरे इलाकों में सीएए के खिलाफ धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। 14 फरवरी को चेन्नई के वाशरमेनपेट में कुछ प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी कर दिया था। उल्लेखनीय है कि सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को आसानी से नागरिकता देने का प्रावधान है। लेकिन केरल सहित राज्य राज्य इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुके हैं. उनका कहना है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है।