Analysis: अध्यक्ष बनने के बाद मोदी स्टाइल में ये फैसले ले सकते हैं राहुल गांधी
नई दिल्ली। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष निर्विरोध तरीके से चुन लिया गया है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव प्राधिकार (CEA) के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने राहुल गांधी के अध्यक्ष निर्वाचित होने की घोषणा की है। राहुल गांधी के निर्विरोध निर्वाचन के बाद माना जा रहा है कि 132 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी युवा हैं, उनके काम करने का अंदाज पहले के कांग्रेस अध्यक्षों से अलग ही होगा। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद आने वाले दिनों में कांग्रेस में कई बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं। राहुल गांधी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद कांग्रेस में क्या-क्या बदल सकता है...
उम्रदराज नेताओं को लेकर फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी युवा हैं। उनकी कार्यशैली को देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तर्ज पर ही उनकी कोशिश भी पार्टी में युवाओं को तरजीह देने की होगी। ऐसे में कांग्रेस के उम्रदराज नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बीजेपी में भी 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाती है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी भी ऐसा ही प्लान पार्टी में ला सकते हैं, जिसमें उम्रदराज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी से बचा जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो मोतीलाल बोरा, अहमद पटेल, अमरिंदर सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को राजनीति से संन्यास लेना पड़ेगा।
कांग्रेस की प्रदेश इकाईयों को दी जाएगी मजबूती
राहुल गांधी को ऐसे वक्त में अध्यक्ष चुना गया है जब कांग्रेस बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। देश के 6 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही सबसे पहले प्रदेश इकाइयों को मजबूत करेंगे। राज्य इकाइयों में युवा नेताओं को राहुल गांधी तरजीह दे सकते हैं।
कांग्रेस कार्य समिति में हो सकता है फेरबदल
राहुल गांधी लंबे समय से नई टीम बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। हालांकि कई पुराने नेता उनकी इस कोशिश का विरोध भी कर चुके हैं। हालांकि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद वो सारे फैसले खुद ले सकेंगे। आने वाले दिनों में वो कांग्रेस कार्य समिति में भी फेरबदल कर सकते हैं।
कांग्रेस की छवि बदलने की कवायद
गुजरात चुनाव में जिस तरह से राहुल गांधी लगातार मंदिरों का दौरा कर रहे हैं माना जा रहा है कि इसके पीछे उनकी कोशिश कांग्रेस पार्टी की छवि बदलने की है। राहुल गुजरात में अब तक 20 से ज्यादा बार मंदिर जा चुके हैं। वह खुद को शिवभक्त, जनेऊधारी ब्राह्मण भी बता चुके हैं। इस कोशिश के पीछे उनकी मंशा कांग्रेस से मुस्लिम तुष्टिकरण और बहुसंख्यकों की उपेक्षा का लेबल हटाना है।
युवाओं को मिल सकती है तरजीह
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस में युवा नेताओं को आगे लाया जाए। पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, सचिन पायलट जैसे नेता अलग राज्यों में हैं। इनके साथ-साथ अजय माकन, मनीष तिवारी जैसे अच्छे नेता हैं जो पार्टी को मजबूत बना सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चौहान, सचिन पायलट और प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी जैसे युवा चेहरे कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें:- कांग्रेस में 'राहुल राज' की शुरुआत, निर्विरोध चुने गए पार्टी के अध्यक्ष