एक कदम और बढ़ा चंद्रयान-2, सफलतापूर्वक लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में किया प्रवेश
नई दिल्ली। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है। भारतीय स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 ने बुधवार को सफलतापूर्वक लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी (एलटीटी) में प्रवेश कर लिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जानकारी दी है कि चंद्रयान की ऑर्बिट को बढ़ाने को लेकर तड़के 2.21 बजे स्पेसक्राफ्ट के मोटरों को 1,203 सेकेंड्स के लिए फायर किया गया था। इसके साथ ही चंद्रयान-2 ने लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में प्रवेश कर लिया है।
स्पेसक्राफ्ट की ऑर्बिट को 23 जुलाई से 6 अगस्त 2019 के बीच पांच गुना बढ़ाया गया था। इसरो की ओर से बताया गया है कि जीएसएलवी एमके3-एम1 वाहन द्वारा 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किए जाने के बाद से स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान -2 के सभी सिस्टम सामान्य रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं। चंद्रयान-2, 20 अगस्त 2019 को चांद की कक्षा में पहुंचेगा।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए 48 दिन की यात्रा शुरू पर है। 20 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। 5 दिन की यात्रा के बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इसरो ने चंद्रयान-2 में लगे एलआई4 कैमरे से ली गईं धरती की तस्वीरें भी रविवार को ट्विटर पर साझा कीं थीं।
ट्रांस लूनर इंजेक्शन: वो धक्का, जिससे चांद पहुंचेगा चंद्रयान-2